बाडमेर में रिफायनरी के कार्य शुभारंभ के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी के आने से पहले पुलिस अफसरों की परेड जारी है। प्रदेश के डीजीपी और एडीजी इंटेलीजेंस खुद सुरक्षा की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस महीने में डीजीपी और एडीजी इंटेलीजेंस ने बाड़मेर में कई दौरे किए हैं। इस बीच रविवार को मंच को एसपीजी के स्पेशल कमांडोज ने अपने कब्जे में ले लिया है। लोकल पुलिस अफसरों तक को कार्यक्रम के अड़तालीस घंटे पहले मंच के आसपास से हटा दिया गया है। समारोह में आने वाले मेहमानों को कार्ड दिए गए हैं। उनको भी कार्ड देखकर ही एंट्री दी जाएगी।
सीमा पर विशेष निगरानी, स्पेशन कमांडोज़ तैनात
बाड़मेर में सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजामों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीमा क्षेत्र में सुरक्षा के लिए स्पेशल कमांडोज को लगाया गया है, साथ ही बीएसएफ की विशेष टुकड़ी की भी तैनाती गई है।
प्रधानमंत्री उत्तरलाई वायुसेना स्टेशन पर विशेष विमान से आएंगे। यहां से हैलीकाफ्टर से पचपदरा जाएंगे। उत्तरलाई के राजस्थान हाउस में प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर तैयारियों को जिला कलक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते की देखरेख में अंतिम रूप दिया गया है। एयर कमोडोर के नेतृत्व में यहां स्वागत किया जाएगा। प्रधानमंत्री की वापसी भी उत्तरलाई से ही होगी।
प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार, वैसे तीसरी बार बाड़मेर आएंगे नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16 जनवरी को तीसरी बार बाड़मेर जिले में आएंगे। मोदी इससे पहले दो बार चुनावी सभाओं में आ चुके हैं। इसमें एक बालोतरा में ही थी। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में शिव से भाजपा प्रत्याशी जालमसिंह रावलोत की सभा में मोदी स्टार प्रचारक के तौर पर आए थे। उन्होंने शिव कस्बे के पास ही सभा को संबोधित किया था। पिछले लोकसभा चुनाव में बालोतरा के पास मोदी की सभा हुई थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार बाड़मेर आ रहे हैं। इस बार पचपदरा में उनका दौरा है।
… तो बाड़मेर बन जाएगा दुबई!
बाड़मेर के दुबई बनने के सपने को अब देखना शुरू कर दीजिए। 43 हज़ार करोड़ की रिफाइनरी के साथ हजारों करोड़ का पेट्रो केमिकल हब जब यहां आएगा तो जोधपुर से बालोतरा तक का नक्शा ही बदल जाएगा। तेल के खजाने बायतू तक यह असर आएगा। नमक की धरा पचपदरा पर किस्मत से आई तेल धार अब यहां के धरातल आमूलचूल बदलने वाली है।
प्रथम चरण में निर्माण: 43000 करोड़ की रिफाइनरी बाड़मेर में स्थापित होनी है। इसकी क्षमता 9 मिलियन टन होगी। चार साल में इसका निर्माण कार्य प्रथम चरण में होगा। इस दौरान निर्माण से संबंधित कार्य को लेकर बड़ा निवेश होने से यहां के लोगों को बड़ा रोजगार मिलने के साथ ही व्यापार के कई रास्ते खुलेंगे।
रिफाइनरी यहां करीब पांच हजार लोगों को सीधा रोजगार देगी और पेट्रो केमिकल हब लगता है तो यह प्रत्यक्ष परोक्ष एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर खुलेंगे। इतनी बड़ी संख्या में स्कील्ड और नॉन स्कील्ड रोजगार का बड़ा अवसर प्रदेश में यही होगा।
जोधपुर से पचपदरा की दूरी अभी 100 किमी है। यहां पर टू लेन हाईवे है। रिफाइनरी बाद अलग से मार्ग देने या इस हाईवे को फोर लाइन करने का पहला कार्य होगा। साथ ही जोधपुर से पचपदरा के बीच रेल का प्रस्ताव तैयार होगा। बालोतरा से पचपदरा तक ही रेल लाइन लेनी होगी। रिफाइनरी, तेल और पेट्रो केमिकल हब 33 प्रतिशत से अधिक खर्चा वहन करेंगे बाड़मेर का हवाईसेवा का सपना साकार होगा। यहां आवासीय कॉलोनियां, बंक हाऊस और होटल का कारोबार फलने फूलने लगेगा।
इस कार्य दौरान सीएसआर यानि जन हितार्थ कार्याें में स्कूल, चिकित्सालय, आंगनबाड़ी, जरुरतमंदों की मदद, चौराहों का विकास, स्वच्छता, सामाजिक कार्याें में भागीदारी के लिए एक पूरी टीम कार्य करेगी। यह टीम न केवल पचपदरा बल्कि इसके आसपास के इलाके में कार्य करेगी। ये छोटे-छोटे संबल यहां के आम लोगों की बड़ी मदद जैसे होंगे।
रिफाइनरी के इस प्रोजेक्ट में पूर्व के एमओयू में एक बड़ा अस्पताल और स्कूल शामिल किया गया था। यह कार्य इस बार भी होता है तो चिकित्सा को लेकर जोधपुर से पहले पचपदरा के पास के इलाके में यह सुविधा होगी। जो कि जनसेवा का बड़ा कार्य होगा।
बालोतरा को जिला बनाने की मांग भी अब पूरी होने की संभावना बलवती है। रिफाइनरी के कार्याें के लिए बाड़मेर से प्रशासनिक अधिकारियों का बार-बार आना और सुरक्षा अधिकरियों का भी बाड़मेर जोधपुर से आकर मॉनीटरिंग करना परेशानीभरा होगा। बालोतरा को जिला बनाने की मुख्य वजह भी यही कारण अब बनेगा।
– 1995 में सेल कंपनी की तेल खोज प्रारंभ
– 1999 में बाड़मेर के गुडामालानी क्षेत्र में पहली तेल खोज सरस्वती सामने आई लेकिन यह छोटी सफलता
– 2004 में बायतु के पास मंगला तेल क्षेत्र दुनियां की सबसे बड़ी तेल खोज
– 2005 व 2006 में भाग्यम् और एेश्वर्या दो बड़े तेल क्षेत्र
– 2006 में ही विश्व की सबसे बड़ी हिटिंग पाइप लाइन बिछी
– 39 तेल क्षेत्र अब तक बाड़मेर-सांचौर बेसिन में खोजे गए है
– 200 तेल कुओं का उत्खनन हो चुका है अब तक बाड़मेर में,
– 2009 में बाड़मेर से तेल उत्पादन मंगला ऑयल फील्ड पर तात्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने शुरू किया
– 2010 में विश्व की सबसे बडी हिटिंग पाईप लाइन से बाडमेर से तेल रिफाइनरी को पहुंचने लगा
– 2013 में एेश्वर्या ऑयल फील्ड से भी तेल का उत्पादन शुरू हुआ
– 2013 में बाड़मेर के पास लीलाला में रिफाइनरी लगाने का हुआ तय लेकिन यहां किसानों के विरोध के चलते रिफाइनरी का स्थान बदलकर किया गया सांभरा पचपदरा
– 2014 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया पचपदरा में रिफाइनरी का शिलान्यास
– 2015 में सरकार बदली और कांग्रेस के एमओयू को कर दिया गया निरस्त और नए एमओयू को जारी करने का कहकर लटका दिया रिफाइनरी को
– 2017 में किया गया नया एमओयू और 43000 करोड़ से रिफाइनरी बनाने की घोषणाा की
– 16 जनवरी को करेंगे प्रधानमंत्री पचपदरा के पास बाडमेर रिफाइनरी का फिर से शिलान्यास
– 1.75 लाख बैरल तेल प्रतिदिन बाड़मेर से उत्पादन
– 200 तेल कुओं से हो रहा है उत्पादन
– 4 अरब बैरल तेल का बड़ा खजाना है बाड़मेर में
– 2020 तक तेल अन्वेषण लाइसेंस हाल ही में हुआ है जारी
– बाड़मेर के साथ अब जैसलमेर में भी युद्ध स्तर पर होगी तेल खोज
– 100 किमी दूर है जोधपुर से शिलान्यास स्थल
– 10 किमी दूर है पचपदरा से शिलान्यास स्थल
– 5 लाख की भीड़ प्रधानमंत्री की रैली में जुटाने की तैयारी
– 30 हजार वाहन लगे है प्रधानमंत्री की रैली में लाने के लिए
– 7 जिलों से जुटाए जाएंगे प्रधानमंत्री की सभा के लिए लोग
– 1.5 किलोमीटर की परिधि में लगेगा पांडाल
– 4 होंगे पार्र्किंग स्थलों पर खड़े रहेगे वाहन
– 5 हैलीपैड का हुआ है निर्माण
– 15 लाख लीटर पेयजल रहेगा उपलब्ध