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जयपुर

परवाना नहीं आया

Hindi Poem

जयपुरOct 10, 2021 / 07:28 pm

Chand Sheikh

परवाना नहीं आया

परवाना नहीं आया

परवाना नहीं आया
दलवीर सोलंकी ‘परवाना’

यह सच है जहां वालों,
हमें जीना नहीं आया।

हमारे लाख मरने पर भी,
हमें मरना नहीं आया।

बड़ी आसान राहें थी,
न मंजिल थी कोई मुश्किल,
मगर आसान राहों पर हमें,
चलना नहीं आया।
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