प्रवासी मजूदरों को हुई परेशानी पर उच्च न्यायालय ने मांगा जवाब राजस्थान उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता जेम्स बेदी के लिखे पत्र को जनहित याचिका मानते राज्य सरकार से जवाब मांगा है। बेदी ने 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्रीय लॉकडाउन के बाद हजारों प्रवासी मजदूरों के पलायन के दौरान हुई परेशानी को पत्र के जरिए न्यायालय के सामने रखा था। बेदी ने कहा कि अभी भी हजारों मजदूर रास्ते में फंसे हुए है जिनके पास ना खाना है ना पानी और परिवहन सुविधा नहीं होने से पैदल चल रहे हैं उनके रहने का भी कोई इंतजाम नहीं है।
न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी और न्यायाधीश एनएस ढड्ढा ने अधिवक्ता जेम्स बेदी की बात आॅडियो कॉलिंग पर सुनी। अधिवक्ता बेदी ने मजदूरों के मानवीय अधिकारों के संरक्षण करने की गुहार अदालत से की। इस पर न्यायालय ने कहा कि उन्होंने भी कई खबरों और वीडियों में इस बात को देखा है वैसे सरकार ने भोजन, परिवहन और आश्रय देने की कोशिश की है। लेकिन मजदूरों में भय की वजह से ऐसी परिस्थितियां बनी। सरकार ने इस दौरान क्या कदम उठाए इस संबंध में अदालत ने 7 अप्रैल को 11—45 बजे रिपोर्ट तलब की है।