चौबीस दिसंबर को तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो परिजनों ने दुर्गापुरा में स्थित एक अस्पताल में मीणा को भर्ती कराया। वहां जांच के दौरान स्वाईन फ्लू पॉजिटिव पाया गया। मीणा का इलाज जारी था लेकिन आज तड़के अचानक तबियत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई। गौरतलब है कि इस बार स्वाईन फ्लू से प्रदेश भर में दो सौ पचास से भी ज्यादा मौतें हो चुकी है। इनमें से पचास से अधिक जयपुर शहर में हुई हैं।
डॉक्टर्स की हड़ताल से हालात और ज्यादा खराब – गौरतलब है कि अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर में सरकारी चिकित्सकों का एक बड़ा समूह हड़ताल पर चल रहा है। जबकि स्वाईन फ्लू और डेंगू अपने चरम पर है। स्वाईन फ्लू सरकारी अफसरों के साथ ही एसएमएस मेडिकल हॉस्टल के स्टॉफ तक को अपने काबू में ले चुका है। उसके बाद भी इसकी सही तरीके से रोकथाम नहीं की जा रही है। अस्पतालों के चिकित्सकर हड़ताल पर है। निजी अस्पतालों में स्वाईन फ्लू के इलाज की पूरी दवाईयां मौजूद नहीं है।
ये सारी लापरवाही और डॉक्टर्स की हड़ताल स्वाइन फ्लू के कहर में आग में घी डालने का
काम कर रही है। गौरतलब है कि डाक्टर्स की हड़ताल से अब तक प्रदेश के अस्पतालों में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले
अजमेर जिले में ही अब तक दर्जनों मरीजों की मौत हो चुकी है। लेकिन मरीजों की ऐसी हालत देखकर भी ना तो सरकार झुकने के लिए तैयार है और ना ही धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर्स।