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सियासी सुर, बचाव की तान… शहर अध्यक्ष बोले-“हमारे नहीं “उनके” वोटर्स थे इस बार निराश”

विकास जैन जयपुर. लोकसभा सीट जयपुर पर मतदान प्रतिशत में गिरावट बड़ी चिंता का कारण बन गई है। विधानसभा चुनाव के चार माह बाद ही मत प्रतिशत में आए बड़े अंतर के बारे में राजस्थान पत्रिका ने जयपुर शहर भाजपा और कांग्रेस के शहर अध्यक्ष से बात की। कम मतदान के कारण, इसके सियासी मायनों […]

जयपुरApr 26, 2024 / 05:22 pm

Amit Pareek

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पहले चरण में मतदान करते वोटर्स

विकास जैन

जयपुर. लोकसभा सीट जयपुर पर मतदान प्रतिशत में गिरावट बड़ी चिंता का कारण बन गई है। विधानसभा चुनाव के चार माह बाद ही मत प्रतिशत में आए बड़े अंतर के बारे में राजस्थान पत्रिका ने जयपुर शहर भाजपा और कांग्रेस के शहर अध्यक्ष से बात की। कम मतदान के कारण, इसके सियासी मायनों और कमजोर बूथ मैनेजमेंट पर किए सीधे सवालों पर दोनों ही अपना बचाव करते नजर आए।
कांग्रेस शहर अध्यक्ष आर.आर.तिवारी ने कहा कि अब भाजपा नहीं रही, सिर्फ मोदी की बात होती है। भाजपा शहर अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी का शुरू में ही हार मान लेना मतदान प्रतिशत में गिरावट का बड़ा कारण रहा।
हमारे मतदाताओं ने खूब किए वोट, भाजपाई वोट बैंक निराश था

आर.आर.तिवारी, जयपुर शहर अध्यक्ष, कांग्रेस

सवाल : जयपुर में मतदान प्रतिशत गिरने के क्या कारण रहे ?

जवाब : सरकार बनती है तो मोदी की, गारंटी आएगी तो मोदी की, वोट आएगा तो मोदी को यानी फिर बीजेपी तो खत्म हो गई। अब देशव्यापी परिवर्तन नजर आ रहा है। यह जयपुर और राजस्थान तक सीमित नहीं है। जब कोई व्यक्ति देश से बड़ा हो जाता है तो ऐसा परिवर्तन आता ही है।
सवाल : मतदान में 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट किस तरह नुकसानदायी है ?

जवाब : मोदी की गारंटियों और उनके जुमलों से लोगों को कुछ नहीं मिल रहा। उनके जुमलों से परेशान उनके मतदाताओं ने वोट नहीं किया। एससी-एसटी और ओबीसी का वर्ग जो राम मंदिर के नाम पर उनसे जुड़ गया था, वह आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से कांग्रेस की तरफ वापस आ गया है। हम इस बार राजस्थान में दस से ज्यादा सीट जीतने जा रहे हैं।
सवाल : आपकी पार्टी की क्या रणनीति थी मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए ?

जवाब : हमारे कार्यकर्ताओं ने बूथ स्तर तक काम किया और अधिक मतदान कराने में सफल रहे। विधानसभावार पोलिंग के आंकड़े बताते हैं कि कांग्रेस की रणनीति कारगर रही।
सवाल : राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को बूथ तक लाने की कोशिश नहीं की ?

जवाब : कांग्रेस के पॉकेट वोट बैंक ने तो खूब मतदान किया है। इससे साफ है कि हमारे कार्यकर्ता मतदाताओं को बूथ तक लाने में सफल रहे।
सवाल : जयपुर में मतदान प्रतिशत गिरने के आपकी नजर में क्या सियासी मायने हैं ?

जवाब : हार-जीत का तो मैं अभी नहीं कह सकता। लेकिन यहां मुझे लगता है कि हम कांटे के मुकाबले पर आ गए हैं। बीजेपी पिछले दो चुनाव यहां 4-5 लाख वोटों से जीत चुकी है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।

4 जून का इंतजार कर लो, भाजपाई गढ़ों में और बढ़ेगा जीत का अंतर

राघव शर्मा, जयपुर शहर अध्यक्ष, भाजपा

सवाल : जयपुर में मतदान प्रतिशत गिरने के क्या कारण रहे ?
जवाब : यहां कांग्रेस उम्मीदवार को पहले से ही लग गया था कि वह यहां फंस गए। वे पूरे दम से चुनाव नहीं लड़ रहे थे। जयपुर में इस कारण कांग्रेस का मत प्रतिशत गिरा है। एक-आधा मतदान प्रतिशत भाजपा का भी गिरा है। उसका कारण वीकेंड और शादियों का माहौल रहा।
सवाल : मतदान में 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट किस तरह नुकसानदायी है ?

जवाब : मैंने पहले ही कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार की उदासीनता से उनका वोट बैंक इस बार प्रभावित हुआ। उनके मतदाता एक तरह से निराश थे कि पार्टी के बाद अब प्रत्याशी भी कमजोर है।
सवाल : आपकी पार्टी की क्या रणनीति थी मतदान बढ़ाने के लिए ?

जवाब : मोदी की गारंटी, मोदी के प्रति देशव्यापी सम्मान और भाजपा के निचले स्तर तक कार्यकर्ताओं की मेहनत से सबने मिलकर काम किया। नतीजे सुखद रहे। भाजपा के पक्ष में एकतरफा माहौल है।
सवाल : राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को बूथ तक लाने की कोशिश नहीं की ?

जवाब : चार जून को जब परिणाम आएगा तो सांगानेर, मालवीय नगर, विद्याधर नगर और बगरू में पिछली बार से ज्यादा लीड आएगी। निश्चित तौर पर आप मानकर चलो कि यह हमारे बूथ मैनेजमेंट का ही असर रहा कि भाजपा के समर्थकों ने भाजपा को वोट कास्ट किया है।
सवाल : जयपुर में मतदान प्रतिशत गिरने के आपकी नजर में क्या सियासी मायने हैं ?

जवाब : पार्टियों का कोर वोट बैंक भी होता है। कांग्रेस का यह बैंक उससे निराश हो चुका है। उनके पास लीडरशिप नहीं है। उनके नेता आपस में लड़ रहे हैं। मत प्रतिशत गिरे या बढ़े इस बार भाजपा प्रचंड जीत दर्ज करेगी।

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