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जयपुर

Punjab से मिल रहे दूषित पानी का मामला गर्माया, दिल्ली में एकजुट हुए राजस्थान BJP के MP-MLA, जानें क्या है ख़ास?

– पंजाब से राजस्थान में पहुंच रहे दूषित नहरी पानी का मामला, समस्या के समाधान को लेकर भाजपा नेता हुए सक्रीय, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के साथ भाजपा नेताओं की आज अहम बैठक, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया होंगे शामिल, बीकानेर संभाग के सभी सांसद-विधायक भी होंगे बैठक में शामिल, नई दिल्ली में दोपहर 3 बजे बैठक, पूनिया सुबह हुए जयपुर से रवाना

जयपुरJun 17, 2021 / 12:51 pm

Nakul Devarshi

polluted water entering rajasthan from punjab, meeting in delhi

 

जयपुर।

पंजाब से नहरों के ज़रिए राजस्थान पहुंच रहे दूषित नहरी पानी का मामला गर्माया हुआ है। विभिन्न सीमावर्ती जिलों में सामने आ रही इस गंभीर और विकट स्थिति से निपटने के लिए अब भाजपा नेताओं ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। इसी क्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण बैठक आज नई दिल्ली में बुलाई गई है।

 

जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में दोपहर 3 बजे होने जा रही इस बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया के अलावा बीकानेर संभाग के सांसद और विधायक भी शामिल होंगे। बैठक में शामिल होने के लिए डॉ पूनिया आज सुबह जयपुर से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

 

समीक्षा के साथ बनेगी कार्ययोजना
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ प्रदेश के भाजपा नेताओं की इस वर्चुअल बैठक में पंजाब से राजस्थान में आ रहे दूषित नहरी पानी की वर्त्तमान स्थितियों की समीक्षा की जाएगी, साथ ही इसे रोकने और पंजाब सरकार को पाबन्द करने के सन्दर्भ में आगामी कार्ययोजना तैयार की जायेगी।

 

भाजपा नेता लगातार उठा रहे मामला
पंजाब स्थित हरिके बैराज से राजस्थान की आईजीएनपी और गंगनहर में जहरीला एवं केमिकल युक्त पानी छोड़ने के मामले को प्रदेश के भाजपा नेता पिछले कुछ दिनों से लगातार उठा रहे हैं। प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने इस सिलसिले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बकायदा पत्र लिखकर पंजाब सरकार से दूषित पानी राजस्थान में छोड़ने पर रोक लगाने का आग्रह करने की अपील की थी।

 

वहीं राज्य सभा सांसद राजेन्द्र गहलोत सहित कई वरिष्ठ नेताओं की टीम ने नहरी क्षेत्रों का जायज़ा लेकर सरकार से तत्काल पंजाब सरकार के साथ आपातकालीन बैठक बुलाकर मामले का निवारण करने की अपील की थी।

 

10 जिलों में पहुंच रहा दूषित पानी
जानकारी के अनुसार पंजाब से नहरों के ज़रिये राजस्थान के लगभग 10 जिलों में दूषित पानी पहुँच रहा है, इनमें चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, झुंझुनूं और सीकर सहित अन्य जिले प्रभावित हो रहे हैं। जिससे करीब 2 करोड़ की आबादी के स्वास्थ्य से खिलवाड़ और पेयजल समस्या की आशंका जताई गई है।

 

केमिकल युक्त पानी पहुँच रहा राजस्थान
जानकारी के अनुसार पंजाब में जालंधर, लुधियाना और फगवाड़ा सहित विभिन्न जिलों में स्थित सैकड़ों फैक्ट्रियों से निकला गंदा व केमिकल युक्त जहरीला हजारों क्यूसेक पानी हरिके बैराज से राजस्थान की इंदिरा गांधी नहर व गंगनहर में छोड़ा जा रहा है।नहरों में जहरीले पानी से उत्पन्न जल प्रदूषण का प्रदेशवासियों के लिए प्राणघातक साबित होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

 

सीएम गहलोत भी जता चुके हैं चिंता
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पंजाब से राजस्थान आ रहे दूषित जल को लेकर चिंता ज़ाहिर कर चुके हैं। बीते दिनों मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने पंजाब के मुख्य सचिव से पत्राचार कर प्रदूषित जल की रोकथाम के लिए शीघ्र कार्यवाही करने का आग्रह किया था।

 

एनजीटी ने भी पंजाब सरकार को किया था पाबंद
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 20 जनवरी 2021 को पंजाब सरकार को सतलज एवं ब्यास नदियों में प्रदूषण की रोकथाम के लिए सख्त एवं प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दे रखे हैं। लेकिन अब तक इस दिशा में पंजाब की कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखी है।

 

ये है पंजाब सरकार की दलील
पंजाब के अधिकारियों ने अवगत कराया है कि लुधियाना शहर के बुडढ़ा नाला तथा जालंधर, नकोदर एवं फगवाड़ा के सीवरेज तथा औद्योगिक अपशिष्ट के प्रवाह के कारण इंदिरा गांधी नहर में प्रदूषित जल की समस्या आती है। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण मण्डल ने केन्द्रीय प्रदूषण मण्डल को इस समस्या के समाधान के लिए एक्शन प्लान तैयार कर दिया हुआ है, जिसके तहत पंजाब द्वारा समयबद्ध रूप से एसटीपी और ईटीपी लगाने का काम किया जा रहा है।

 

अधिकारियों का कहना है कि नहरबंदी के दौरान रोपड हैडवक्र्स से दिए जाने वाले पानी की मात्रा लगभग नगण्य होती है। इस दौरान औद्योगिक अपशिष्ट एवं सीवरेज का पानी नदी के तल में जमा होता रहता है। इस कारण नहरबंदी के बाद प्रारंभ के कुछ दिनों में छोड़े जाने वाले पानी में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है। नहरबंदी के बाद हरिके हैड पर आए प्रदूषित जल की प्रतिदिन निगरानी, जांच एवं पर्यवेक्षण के लिए अधिशाषी अभियंता राजस्थान कैनाल खण्ड फिरोजपुर को तैनात किया गया है।

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