तालमेल की कमी
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल (Rajasthan State Pollution Control Board) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) नियमित रूप से प्रदूषण स्तर की निगरानी करते हुए रिपोर्ट तैयार करते हैं। शहरी सरकार यदि इन अधिकारियों के साथ सामंजस्य कर आगे बढ़े तो शहरवासियों को राहत मिल सकती है।
बजट का इन कामों में हुआ उपयोग
-एनकैप के तहत जो पैसा केंद्र सरकार से मिला, उसका ज्यादातर उपयोग खुले क्षेत्र को पक्का करने, डिवाइडर के सौंदर्यीकरण, पार्किंग क्षेत्र को विकसित करने में खर्च किया गया।
-सड़कों से मिट्टी हटाने जैसे छोटे काम भी शहरी सरकारें सही से नहीं करवा पा रहीं।
-गलियों को रि-डिजायन कराने के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। यहां न तो पैदल चलने के लिए जगह है और न ही साइकिल चलाने वालों के लिए कोई रास्ता है।
ऐसे मिला एनकैप के तहत बजट
वित्तीय वर्ष राशि
2020-21 165 करोड़ रुपए
2021-22 90.35 करोड़ रुपए
2022-23 64.50 करोड़ रुपए
-06 मशीनों की एनकैप के तहत हुई थी वर्ष 2019 में खरीद
-20 मीटर ऊपर पानी फेंकने की क्षमता है इन मशीनों की
-02 हजार लीटर पानी संग्रहण की क्षमता है प्रत्येक मशीन की
-मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी की मांग पर एंटी स्मॉग गन भेजते हैं। दिवाली के बाद इनको चलाया था। अभी चुनाव की वजह से नहीं चल रही हैं। – बलराम मीणा, एक्सईएन, गैराज शाखा (हैरिटेज निगम)
-अभी मशीनें नहीं चलाई जा रही हैं। दिसम्बर से फरवरी तक का रूट चार्ट बनाएंगे और उसी के आधार पर इनका संचालन होगा। जहां ट्रैफिक का दबाव अधिक होता है। वहां इन मशीनों का उपयोग करते हैं। – अतुल शर्मा, उपायुक्त, गैराज शाखा (ग्रेटर निगम)