शुद्ध मिले वायु, तो बढ़े हमारी आयु एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट एट द यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो ने दुनिया के कई देशों के प्रमुख शहरों की वायु गुणवत्ता पर 1998 से लेकर 2016 तक अध्ययन किया। इसकी रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो दशक में जहां दिल्ली के लोगों की आयु 10 साल कम हो गई। जबकि जयपुर के लोगों की आयु 4.2 साल कम हुई है। रिपोर्ट की मानें तो प्रदूषण के मामले में पहले नंबर नेपाल है, जबकि दूसरे पर भारत।
सबसे प्रदूषित शहरों में जयपुर 12वें नंबर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले साल दुनिया के सबसे प्रदूषित 15 शहरों की सूची जारी की थी, जिसमें 14 भारत से थे। इस सूची में जयपुर 12वें और जोधपुर 14वें स्थान पर रहा। इस सर्वे में दुनिया के 108 देशों के 4300 शहरों को शामिल किया गया था। रिपोर्ट में पीएम 10 और पीएम 2.5 स्तर में आने वाले शहरों को रखा गया।
यों कहर बरपा रहा प्रदूषण डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 70,00,000 लोगों की मौत हर साल भारत में प्रतिवर्ष 6,21,138 लोगों की मौत 39,914 बच्चे मौत का ग्रास बन रहे देश में हर साल
ऐसे बढ़ रहा पीएम 10, जीवन के लिए बना खतरा ग्रीनपीस इंडिया ने साल 2018 वार्षिक रिपोर्ट एयरपोक्लिपस के दूसरे संस्करण में 280 शहरों के एक साल में पीएम 10 के ओसत स्तर का विश्लेषण किया। इन शहरों में देश की 63 करोड़ आबादी रहती है। इन 63 करोड़ में से 55 करोड़ लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं, जहां पीएम दस का स्तर राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से भी बहुत ज्यादा है। देशभर में पांच साल से कम उम्र के 4 करोड़ 70 लाख बच्चे ऐसे क्षेत्र में रहते हैं, जहां केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तय मानक से पीएम 10 का स्तर अधिक है। वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार महाराष्ट्र दिल्ली में है। इन राज्यों में पांच साल से कम उर्म के लगभग 1 करोड़ 29 लाख बच्चे प्रदूषित हवा की चपेट में है।