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जयपुर

पूनिया का तंज, ऐसे विधायक को मंत्री बना रखा है,जो खेल करवाने में ही दबाव में आ रहा है

BJP प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह बयान बड़ा कंट्राडिक्शन है, उन्होंने ऐसे विधायक को मंत्री बना रखा है, जो खेल करवाने से ही दबाव में आ रहा है। यह हंसी और दुर्भाग्य की बात है।

जयपुरMay 27, 2022 / 06:31 pm

rahul

Cm Ashok Gehlot के बयान पर Satish Poonia का पलटवार...सुनिए क्या कहा

Cm Ashok Gehlot के बयान पर Satish Poonia का पलटवार…सुनिए क्या कहा

जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह बयान बड़ा कंट्राडिक्शन है, उन्होंने ऐसे विधायक को मंत्री बना रखा है, जो खेल करवाने से ही दबाव में आ रहा है। यह हंसी और दुर्भाग्य की बात है। जब कोई विधायक मंत्री पद की शपथ लेता है, ईश्वर को साक्षी मानकर दायित्वों को निभाने की बात करता है, तो जलालत की बात कहां से आई। जब शपथ ली होगी तब इस बात को कांग्रेस सरकार के मंत्री ने ध्यान में रखा होगा।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, दूसरा पक्ष ब्यूरोक्रेसी का है, उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत की एक आदत है कि वो अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं पर भरोसा कम करते हैं और नौकरशाही पर ज्यादा भरोसा करते हैं। ये अंदरुनी विरोध इस कांग्रेस सरकार में अक्सर देखने को मिलता है। लेकिन इस समय कांग्रेस सरकार के खेल मंत्री ने जो ट्वीट किया है, मुझे लगता है यह कांग्रेस में अंदरूनी विरोध और आंतरिक राजनीति का उदाहरण है, जो पिछले साढ़े तीन सालों में कांग्रेस के कई विधायक अपनी पीडा जाहिर कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि बड़ी विचित्र सी बात है, जब मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हमने राजस्थान की कायापलट कर दी, कांग्रेस को दोबारा जिन्दा कर देंगे। पार्टी को नए संकल्प के साथ खड़ा कर देंगे और उसी समय मुख्यमंत्री यह बात कहें कि उनकी सरकार के खेलमंत्री ग्रामीण ओलंपिक करवा रहे हैं, इसलिए दबाव में हैं। ऐसे दबाव वाले आदमी को मंत्री पद पर रखना ही नहीं चाहिए, जो सरकार और प्रदेश का बड़ा नुकसान कर दे।
डॉ. पूनियां ने कहा कि, कांग्रेस सरकार के अंदर झगड़े व अंतर्कलह के कारण कांग्रेस के विधायकों को 42 दिन बाड़े में बंद रहना पड़ा। पीसीसी चीफ और डिप्टी सीएम को बर्खास्त करना पड़ा। उसके बाद ऐसा लगता था कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन कांग्रेस के अंदर झगड़े की लंबी फेहरिस्त है, कभी विधायक भरत सिंह चिट्ठी लिखते हैं, कभी रामलाल मीणा, गणेश घोघरा, तो कभी बिधूड़ी का बयान आता है। कांग्रेस के भीतर असंतोष की जो सुगबुगाहट है, वो ऐसी है जैसी धुआं दिखता है, लेकिन भीतर कहीं ना कहीं आग है।
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