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जयपुर

सरकारी नौकरी वाले बने गरीब, अब हो रही वसूली

सैकड़ों कर्मचारियों ने उठाया खाद्य सुरक्षा का गेहूं

जयपुरJun 03, 2020 / 05:15 pm

jagdish paraliya

 Poor people in government jobs, now getting recovery

Hundreds of employees raised wheat for food security

27 रुपए किलो के हिसाब से राशि जमा करवाने के आदेश
राजसमंद. जिले के सैकड़ों कर्मचारियों ने नौकरी में रहते हुए खाद्य सुरक्षा के गेहूं उठा लिए। अब सरकार ने उन कर्मचारियों से २७ रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से राशि वसूल कर जमा करवाने के आदेश दिए हैं। इसमें शिक्षा विभाग, जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग, खान विभाग, पंचायत राज, चिकित्सा विभाग सहित अन्य विभागों के कार्मिक हैं। कुछ ऐसे कार्मिक भी हैं, जो पति-पत्नी दोनों ही सरकारी नौकरी पर हैं और उन्होंने खाद्य सुरक्षा के गेहूं उठा लिए। जिले में खाद्य सुरक्षा के गेहूं उठाने वाले सरकारी कर्मचारियों के एक-एक कर नाम सामने आ रहे हैं। इसमें आमेट के करीब ७० कर्मचारियों की सूची है।कुंभलगढ़ ब्लॉक में १०७ कर्मचारियों के नाम बताए जा रहे हैं। इसी तरह जिले के अन्य ब्लॉकों से भी सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों के नाम हैं, लेकिन अभी तक सूची जारी नहीं हुई है। अब राशन की दुकानों से ऐसे कर्मचारियों की सूची निकालकर सूची तैयार की जा रही है तथा एक-एक कर सभी को राशि जमा करवाने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

नहीं लेने वालों के भी नाम
आमेट ब्लॉक में एसडीएम द्वारा जारी की गई सूची में करीब ७० सरकारी कर्मचारियों के नाम है, जो जिले के विभिन्न विभागों के निवासी हैं, लेकिन नौकरी आमेट में करते हैं। ऐसे में उनकी सूची आमेट ब्लॉक में ही बनी है। ७० लोगों की इस सूची में तीन नाम ऐसे हैं जिनके आगे ० लिखा हुआ है। यानि उनका नाम तो खाद्य सुरक्षा में जुड़ा है, लेकिन गेहूं नहीं उठा दिखाया गया है।

अब ये भी जांच का विषय
इधर कुछ सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि उनकी नौकरी नहीं लगने से पहले उनका नाम खाद्य सुरक्षा में जुड़ा था, और नाम हटवाने की कार्रवाई भी की, लेकिन नाम नहीं हटा। साथ ही उन्होंने खाद्य सुरक्षा का राशन उठाया ही नहीं, लेकिन उनके नाम से चढ़ा है। यानि वे राशन डीलर पर ही गेहूं उठाने का शक जता रहे हैं। उनका कहना है कि पहले पोश मशीन नहीं थी, ऐसे में राशन डीलरों ने बिना उठाए ही गेहूं चढ़ा दिया। ऐसे में अब ये बात भी जांच का विषय है।

खाद्य सुरक्षा के तहत जिन कर्मचारियों ने गेहूं उठाया है, उनसे २७ रुपए प्रति किलो के हिसाब से वसूली के आदेश हैं।
संदीप माथुर, डीएसओ, राजसमंद


पत्रिका व्यू
सख्त कार्यवाही जरूरी
ये तो बहुत ही हैरानी की बात है कि सरकारी नौकरी पर रहते हुए कार्मिकों ने खाद्य सुरक्षा के गेहूं उठा लिए। रसद विभाग अब कह रहा है कि इन सरकारी कर्मचारियों से 27 रुपए प्रति किलो गेहूं के हिसाब से वसूली होगी। ये तो सरासर लीपापोती ही हुई। क्यों नहीं इनके खिलाफ बड़ी कार्यवाही की जाती? जबकि जिला प्रशासन ने स्वयं ही पहले कहा था कि सम्पन्न लोगों को आगे होकर अपने नाम इस सूची से हटवाने चाहिए। आखिर उन्होंने ऐसा समय रहते क्यों नहीं किया? जब तक जिला प्रशासन ऐसे कार्मिकों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाएगा, तब तक पात्र लोगों तक राहत पहुंच पाना मुश्किल है। ये तो खाद्य सुरक्षा सूची का मामला है, ऐसे कई लाभार्थ योजनाएं हो सकती है जिनमें ऐसे कई लोग लाभ उठा रहे होंगे और पात्र लोग घर पर राहत का इंतजार कर रहे होंगे। ऐसी कई बार मांग भी उठी कि कई पात्र लोग सूची से वंचित है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। आखिर पोल खुली तो ये सब माजरा सामने आया। अब भी समय है जब प्रशासन को सख्त रवैया अपना लेना चाहिए और गुनाहगार कार्मिकों को सजा देनी चाहिए। तभी कर्मचारियों में गलत काम न करने के प्रति खौफ बना रहेगा।

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