खास बात है कि पहले प्रीपेड बूथ संचालित करने के लिए ऑटो चालकों से प्रति दो रुपए लिए जाते थे। जबकि इस बार पॉलिसी में यात्रियों से ही वसूली की जा रही है। ऐसे में यात्री प्रीपेड बूथ से ऑटो किराए पर नहीं लेगा। बता दें कि परिवहन विभाग ने जयपुर सहित प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय के लिए यह प्री -पेड बूथ पॉलिसी तैयार की है।
इधर परिवहन विभाग की ओर से प्री-पेड बूथ पॉलिसी का ऑटो चालकों ने विरोध शुरू कर दिया है। यूनियन का आरोप है कि विभाग ने उनकी बिना सहमति पॉलिसी तैयार की है। यात्रियोंं पर भार डालने से ऑटो नहीं चलेंगे। यात्री बाहर का ऑटो लेगा। बूथ संचालन का खर्चा इतना नहीं है। बेवजह 10 रुपए लिए जा रहे हैं। यूनियन की आरोप है कि पॉलिसी के पहले ही 45 लाख रुपए जमा है। लेकिन उनका कोई उपयोग नहीं किया जा रहा। यातायात पुलिस रुपयों की जानकारी नहीं दे रही है।
योजना में केन्द्रीय संचालन समिति का गठन होगा। इसमें डीसीपी यातायात और एसपी अध्यक्ष होंगे।यात्रियों से एकल ट्रिप 10 रुपए लेंगे, जो कल्याण कोष में जमा करेंगे। योजना जयपुर के साथ पहले अलवर भीलवाड़ा, जैसलमेर, सवाईमाधोपुर, पुष्कर से प्रारंभ की जाएगी। कमेटी में परिवहन निरीक्षक, यूनियन के अध्यक्ष, डीटीओ स्तर से अधिकारी शामिल होंगे।
परिवहन विभाग के पांच अधिकारियों की कमेटी ने पॉलिसी बनाई है। इसका सरकार से अनुमोदन किया गया है। उसके बाद ही तैयार की है। बूथ चलाने के लिए खर्चा होगा। इसीलिए यात्रियों से 10 रुपए अतिरिक्त ले रहे हैं।
हरीश कुमार, संयुक्त परिवहन आयुक्त
हम पॉलिसी का विरोध करते हैं। हम पॉलिसी हमे नुकसान देगी। परिवहन अधिकारियों ने मनमर्जी से योजना बना दी। हमारी राय नहीं ली गई। यात्रियों से वसूली होगी तो योजना ठप हो जाएगी।
अमर सिंह चौहान, अध्यक्ष पिंक सिटी ऑटो चालक यूनियन