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जयपुर

जेके लोन अस्पताल में तीसरी लहर से मुकाबले की तैयारी, संक्रमित बालक के माता-पिता के लिए वार्ड में लगेगा बेड

सरकार और चिकित्सा विभाग कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुट गए हैं। तीसरी लहर से सर्वाधिक खतरे की आशंका बच्चों में जताई जा रही है। इसको लेकर जेके लोन अस्पताल में व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं।

जयपुरJun 13, 2021 / 03:57 pm

Kamlesh Sharma

Preparations to compete corona third wave in Jaipur JK Lone Hospital

सरकार और चिकित्सा विभाग कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुट गए हैं। तीसरी लहर से सर्वाधिक खतरे की आशंका बच्चों में जताई जा रही है। इसको लेकर जेके लोन अस्पताल में व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं।

देवेंद्रसिंह राठौड़/जयपुर। सरकार और चिकित्सा विभाग कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी में जुट गए हैं। तीसरी लहर से सर्वाधिक खतरे की आशंका बच्चों में जताई जा रही है। इसको लेकर जेके लोन अस्पताल में व्यवस्थाएं जुटाई जा रही हैं। खास बात ये है कि यहां इलाज के दौरान भर्ती कराए जाने वाले बच्चों के साथ उनके माता-पिता भी रहेंगे। देखभाल के दौरान अगर वे संक्रमित हो जाते है तो, अस्पताल प्रशासन उनके इलाज के इंतजाम भी वहीं करेगा।
बच्चों के वार्ड में उनके लिए अलग से बेड लगाए जा रहे हैं। दरअसल, इन दिनों संक्रमित काफी कम हो गए है। तीसरी लहर में बच्चों में खतरा देखते हुए जेके लोन अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि कोरोना संक्रमित होने वाले बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड, आइसोलेशन वार्ड, आइसीयू, एनआइसीयू बनाए गए हैं। इसके अलावा वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बेड के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।
खास बात ये है कि स्पेशल वार्ड में उपचार के दौरान बच्चों के साथ देखभाल के लिए उनके माता-पिता (कोई भी एक अटेंडेंट) भी रह सकेंगे। लेकिन उन्हें वार्ड में हर वक्त पीपीई किट में रहना होगा। उनका समय-समय पर कोरोना टेस्ट भी होगा। अगर वे संक्रमित पाए जाते हैं तो, उनका भी वहीं इलाज होगा।
ज्यादा गंभीर स्थिति होने पर उन्हें आरयूएचएस अस्पताल में रेफर कर दिया जाएगा। सामान्य लक्षण होने पर वे बच्चों के वार्ड में ही रह सकेंगे। यहां उनके लिए अलग से बेड के इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके अलावा अलग से एरिया भी तैयार किया जा रहा है। वहां मेडिकल टीम उनकी देखरेख करेगी। हालांकि अभी ऐसे केस बहुत कम आए हैं कि, बच्चों के संक्रमित होने से उनके माता-पिता भी संक्रमित हुए है। इधर, अस्पताल में अभी एक भी संक्रमित बच्चा भर्ती नहीं है।
मां-पिता का वार्ड में रहना इसलिए जरूरी
शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पताल में बच्चों को संक्रमित होने के बाद संभालना मुश्किल है। केवल नर्स के भरोसे यह संभव नहीं है। इसलिए माता-पिता को साथ रखना होगा। संक्रमित होने के बाद बच्चों को आराम की पॉजिशन में रखना बेहद जरूरी होगा। उन्हें इस स्थिति में माता-पिता ही रख सकते हैं। साथ ही वे देखभाल भी कर सकेंगे। बच्चे का भी मन लगा रहेगा। हालांकि उसके मनोरंजन को लेकर भी इंतजाम किए जाने हैं। संक्रमित बच्चों के साथ उन्हें भी संक्रमित होने का खतरा रहेगा। इसलिए उनके इलाज के भी यहीं इंतजाम कर रहे हैं ताकि उनका मन लगा रहेगा।
कोविड डेडिकेटेड होगा, बंद होगी ओपीडी
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यहां सीटी स्कैन मशीन आ गई है जो अगले सप्ताह तक शुरू हो जाएगी। जरूरी टेस्ट भी शुरू हो जाएंगे। जैसे-जैसे कोविड संक्रमित बच्चों की संख्या बढ़ेगी तो इस अस्पताल को कोविड डेडिकेटेड कर देंगे। सेठी कॉलोनी व गणगौरी अस्पताल में बच्चों की ओपीडी शुरू होगी। वहां चिकित्सीय टीम तैनात है। इधर, आरयूएचएस में भी दो मंजिल के भवन में बेड तैयार है।
सभी तैयारियां पूरी
अस्पताल में बच्चों की देखभाल के लिए माता-पिता रह सकेंगे। अगर वे संक्रमित हो जाते हैं तो, उनका भी यहीं इलाज हो जाएगा। इसको लेकर इंतजाम किए गए हैं। स्थिति गंभीर होने पर आरयूएचएस रैफर किए जाएंगे। तीसरी लहर को देखते हुए अन्य तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं।
-डॉ. अरविंद शुक्ला, अधीक्षक जेके लोन अस्पताल

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