गौरतलब है कि एसओजी ने पिनकॉन ग्रुप के खिलाफ नम्बर 2017 में मामला दर्ज कर निदेशक मनोरंजन राय, हरीसिंह, विनय सिंह और रघुजया सेठी को गिरफ्तार किया। बाद में एक और निदेशक दीपक पुण्डीर को गिरफ्तार किया गया। आरोपितों ने राजस्थान में छह कंपनियों के जरिए लोगों से निवेश करवाए। एक कंपनी बंद कर लोगों की निवेश की राशि दूसरी कंपनी में अपने स्तर पर पुन: निवेश कर लेते थे। जबकि निवेश करने वाले को उसकी रकम नहीं लौटाते थे। राजस्थान में
अजमेर में दफ्तर खोला था और
आगरा में रीजनल ऑफिस खोल रखा था।
रीजनल ऑफिस के अंतर्गत राजस्थान के कई शहरों में ब्रांच खोल रखी थी और एजेंट को मोटा मुनाफा कमाने का झांसा दे लोगों से रकम निवेश करवा रहे थे। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की जांच में ग्रुप की 40 कंपनियां होना सामने आया है, इनमें 22 कंपनियों की जानकारी एसओजी को मिल गई है। न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपित दीपक पुण्डीर, राजकुमार सहित अन्य के खिलाफ 173 (8) में सीआरपीसी लंबित रखा है। इस प्रकरण में अगली सुनवाई एसीजेएम कोर्ट में 12 फरवरी को होगी।
अभी इनकी तलाश जारी
एसओजी प्रकरण में राजकुमार राय, दीपांकर वासु, सिद्धार्थ राय, राणा सरकार, अरूण ठाकुर, राजीव पाल सहित अन्य लोगों को तलाश रही है। एसओजी सूत्रों को मुताबिक, पिनकॉन ग्रुप के संचालकों ने सेबी को भी गच्चा दिया है।