पत्र में जोशी ने साफ लिखा है कि राज्य सरकार की ओर से तय राशि के बावजूद निजी अस्पताल बहुत अधिक धनराशि वसूल रहे हैं। सरकार निर्देशों की अवहेलना नजर नहीं आए, इसलिए कोविड मरीजों से अन्य बीमारी या सुविधा के नाम पर यह राशि ली जारही है। ऐसा करना एक अमानवीय कृत्य है। जोशी ने मुख्ययमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज की व्यवस्था का उल्लेख किया मगर लिखा कि यह कम सुविधाजनक है और सभी को इसकी प्रक्रिया का नहीं पता। इसलिए शिकायतें रजिस्टर नहीं हो पाती हैं। इसलिए सरकार को अधिक धनराशि वसूलने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
सरकार कराए अस्पतालों की आॅडिट जोशी ने अनुरोध किया है कि चिकित्सा विभाग एवं जिला प्रशासन के माध्यम से कोविड मरीजों का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों से पेमेंट संंबंधी पूरी जानकारी लेकर उसकी आॅडिट कराई जानी चाहिए। ताकि ऐसे लालची अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाइ हो सके। अगर संभव हो तो जिन अस्पतालों में कोरोना का इलाज चल रहा है, वहां के तीन या पांच स्थानीय प्रतिष्ठित लोगों की एक कमेटी बनाई जानी चाहिए। ताकि कमेटी अस्पतालों की निगरानी कर सके।