राजपूत समाज सहित विभिन्न हिन्दू संगठनों ने इसे रिलीज नहीं होने देने की चेतावनी दी है। रिलीज होने पर संशय के बीच अब डिस्ट्रीब्यूटर भी मामला सुलझने के इन्तजार में हैं। पद्मावती के विरोध में डिस्ट्रीब्यूटर्स ने भी फिल्म को रिलीज करने से मना कर दिया है। पद्मावती के विरोध को बढ़ते देख आखिरकार निर्देशक संजय लीला भंसाली ने इस पूरे मामले में अपनी चुप्पी तोड़ दी है।
संजय लीला भंसाली ने जल्दबाजी में अपना पक्ष रखते हुए एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में उन्होंने कहा है कि “वे खुद भी रानी पद्मावती का बेहद सम्मान करते हैं और उन्होंने फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बीच ऐसा कोई ड्रीम सीन नहीं फिल्माया है।
वीडियो को जारी कर के संजय लीला भंसाली ने फिल्म को लेकर सारी शंकाओं को ख़त्म करने की कोशिश की है और फिल्म से जुड़े इन सभी विवादों को अफवाह बताया है।” भंसाली अपने सवा मिनट के वीडियो में इस बात पर जोर देते हुए नजर आ रहे है कि “फ़िल्म में पद्मावती और खिलजी को लेकर ऐसा कोई दृश्य नहीं दिखाया जाएगा। ये पूरी तरह अफ़वाह है।
उन्होंने कहा,मैंने फिल्म ‘पद्मावती’ बेहद ईमानदारी, मेहनत और जिम्मेदारी से बनाई है। यह फिल्म उनकी वीरता और आत्म बलिदान को नमन करती है। बस एक अफ़वाह की वजह से फ़िल्म विवाद का शिकार बन चुकी है।”
आपको बता दें कि विरोध करने वालों का आरोप है कि फ़िल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच एक ड्रीम सीक्वेंस के दौरान प्रेम-प्रसंग दिखाया जाएगा। इस आरोप को नकारते हुए संजय लीला भंसाली ने कहा है, “हमारी फ़िल्म में ऐसा कोई सीन नहीं है जो किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाए या जज़्बात को तकलीफ़ दें। फिल्म में राजपूत मान और मर्यादा का पूरा ख्याल रखा गया है।” गौरतलब है कि ‘पद्मावती’ चित्तौड़ की महारानी पद्मिनी के इतिहास-प्रसिद्ध जौहर की कहानी है, जिसमें दीपिका पादुकोण पद्मावती का किरदार निभा रही हैं।
हाल ही में
जयपुर के पूर्व राजघराने के सदस्यों ने भी फिल्म को बिना दिखाए रिलीज न करने की बात कही हैं। वहीं करणी सेना के पदाधिकारियों का कहना है कि यदि फिल्म बिना दिखाए सिनेमाघरों में लगी तो इसको रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। पूर्व राजपरिवार की सदस्य पद्मिनी देवी ने कहा कि जिस तरह से फिल्म का ट्रेलर और गाना दिखाया जा रहा है। उससे समाज को आपत्ति है। यहां शूटिंग के बाद जो फिल्म से जुडे लोगों से बातचीत हुई थी, उसमें यह तय हुआ था कि फिल्म दिखाने के बाद ही इसे रिलीज किया जाएगा।
वहीं विधायक दीया कुमारी ने कहा कि पद्मावती देश की सभी महिलाओं का आदर्श हैं। किन परिस्थितियों में आकर उन्होंने जौहर किया था, यह बड़ा विषय है। फिल्म के माध्यम से महिलाओं के सम्मान के साथ खेला जा रहा है।
राजस्थान में ही नहीं देश के अलग-अगल हिस्सों में फिल्म का विरोध हो रहा है। आपको बता दें कि राजस्थान के राजपूत संगठन करणी सेना ने सबसे पहले जयपुर में इस मुद्दे को उठाया था और इस साल की शुरुआत में जयपुर के जयगढ़ क़िले में फ़िल्म की शूटिंग के दौरान बाधा पहुंचाई थी। राजपूत संगठनों के विरोध के बाद शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास, गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया भी फिल्म को लेकर अपना विरोध जाहिर कर चुके है। इनके अलावा महाराष्ट्र में पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल ने भी पद्मावती को बैन करने की मांग की है।