एकादशी पर सुबह स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। इस दौरान गायत्री मंत्र का उच्चारण करें। फिर विधिविधान से भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी की पूजा करें। दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। विष्णुजी के मंत्रों का जाप करें या पुरूष सूक्त का पाठ करें.इस दिन विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। एकादशी पर विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत्र का पाठ करने से जीवन में आनेवाले अवरोध खत्म होते हैं और दुख दूर होकर सुख प्राप्त होेने लगता है।
इस बार पुत्रदा एकादशी 24 जनवरी को है। रविवार को एकादशी होने से इस दिन सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। पौष महीने में भगवान विष्णु और सूर्य पूजा का बहुत महत्व है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी जरूर चढ़ाना चाहिए पर इस दिन तुलसी नहीं तोड़ें. एकादशी और रविवार के दिन तुलसी तोड़ना वर्जित है इसलिए पूजा के लिए एक दिन पहले ही तुलसी तोड़कर रख लें। एकादशी पर शाम को तुलसी को जल चढ़ाएं और घी का दीपक लगाकर परिक्रमा भी करें।