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जयपुर

Paush Putrada Ekadashi 2021 विष्णुजी के साथ सूर्यदेव की कृपा पाने का दिन, इस तरह करें दोनों की पूजा-अर्चना

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जयपुरJan 24, 2021 / 07:09 am

deepak deewan

Putrada Ekadashi 2021 Puja Vidhi Pavitra Ekadashi 2021 Puja Vidhi

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जयपुर. 24 जनवरी यानि रविवार को एकादशी तिथि है। पौष महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी या पवित्रा एकादशी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। माना जाता है कि पुत्रदा एकादशी पर व्रत और पूजा करने से संतान सुख प्राप्त होता है। पुत्रदा एकादशी पर नहाने के पानी में तिल मिलाकर स्नान करने की भी परंपरा है। पौष महीने में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी का व्रत खास माना जाता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु के नारायण रूप की पूजा करनी चाहिए। रविवार को एकादशी होने से इस दिन सूर्य देव की पूजा भी करनी चाहिए। पौष महीने में भगवान विष्णु और सूर्य पूजा का बहुत महत्व है। एकादशी पर सुबह स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। इस दौरान गायत्री मंत्र का उच्चारण करें। हो सके तो सूर्यदेव के बीज मंत्र का जाप करें. इस दिन आदित्य आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें, संभव हो तो यह स्तोत्र तीन बार पढ़ें।
सूर्यदेव की पूजा संपन्न होने के बाद उन्हें दोबारा जल अर्पित करें। फिर विधिविधान से भगवान विष्णु और लक्ष्मीजी की पूजा करें। भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख से अभिषेक करें। विष्णुजी के मंत्रों का जाप करें या पुरूष सूक्त का पाठ करेंण्इस दिन विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए। एकादशी पर विष्णु सहस्रनाम स्त्रोत्र का पाठ करने से जीवन में आनेवाले अवरोध खत्म होते हैं और दुख दूर होकर सुख प्राप्त होेने लगता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर बताते हैं कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी जरूर चढ़ाना चाहिए पर इस दिन तुलसी नहीं तोड़ें।एकादशी तिथ पर और रविवार के दिन तुलसी तोड़ना पूर्णतः वर्जित है. यहां तक कि इन दोनों ही मौकों पर तुलसी छूना भी नहीं चाहिए. इसलिए पूजा के लिए एक दिन पहले ही तुलसी तोड़कर रख लेना चाहिए। यदि तुलसी नहीं तोड़ पाए तो एकादशी पर शाम को तुलसी को जल चढ़ाएं। तुलसी के समक्ष घी का दीपक लगाकर परिक्रमा भी करें।

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