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जयपुर

अंग्रेजी में एक साल की पढ़ाई, विषयाध्यापक बनाने पर रोक, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

एडिशनल बीए कर तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के तहत अंग्रेजी विषय के अध्यापक की पात्रता हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर रोक लगी।

जयपुरFeb 23, 2018 / 06:50 am

santosh

reet
जयपुर। हाईकोर्ट ने एक साल का एडिशनल बीए कर तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2016 के तहत अंग्रेजी विषय के अध्यापक की पात्रता हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने स्नातक में अंग्रेजी एेच्छिक विषय लेकर पढ़ाई नहीं करने वालों को रीट में अंग्रेजी विषय लेकर पात्रता हासिल करने के बावजूद चयन से बाहर रखने को कहा है। साथ ही, सुनवाई 15 मार्च तक टालते हुए कहा कि गडबड़ी सामने आई तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
न्यायाधीश वीएस सिराधना ने मंजू कुमारी व अन्य की याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया। अदालत ने आरटेट में न्यूनतम साठ फीसदी अंक लाने वालों को ही शिक्षक भर्ती-2016 के लिए पात्र माना है। फर्जी दस्तावेज पेश करने वालों को चयन से बाहर करने का निर्देश देते हुए कहा कि रोस्टर सिस्टम से मेरिट में आने वालों को ही नियुक्ति दी जाए। इसके लिए अभ्यर्थियों के दस्तावेज और उनका सत्यापन करने वाले अधिकारी का नाम वेब पोर्टल पर सार्वजनिक किए जाए। साथ ही, कहा कि फर्जीवाडा सामने आने पर संबंधित अधिकारी और अभ्यर्थी के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने कहा, 4940 पदों के लिए 4468 ही सफल
राज्य सरकार ने बताया कि कुल 4 हजार 940 पदों के लिए 4 हजार 468 सफल अभ्यर्थियों की पहली चयन सूची जारी की गई। इनमें से 650 अभ्यर्थी दस्तावेज सत्यापन के लिए नहीं आए। वहीं 253 अपात्र पाए गए। इसके अलावा दस्तावेज में खामियां मिलने पर 318 अभ्यर्थियों का चयन रोका गया है। इसके अलावा 196 अभ्यर्थियों ने एक साल का एडिशनल बीए किया है।
60 फीसदी से कम अंक पर भी चयन
प्रार्थीपक्ष के अधिवक्ता अनूप ढंड ने बताया की राज्य सरकार ने 11 सितम्बर 2016 को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरु की, जिसमें संबंधित विषय में 60 फीसदी अंकों से आरटेट या रीट उत्तीर्ण होने और संबंधित विषय में स्नातक होने की शर्त थी। इसके बावजूद आरटेट या रीट में 60 फीसदी से कम अंक लाने वालों का भी चयन कर लिया और कुछ चयनित अभ्यर्थियों के पास तो स्नातक में भी संबधित विषय नहीं था। कुछ अभ्यर्थी संबंधित विषय मे एक साल का एडिशनल बीए कर चयनित हो गए, जबकि एक साल के एडिशनल बीए को यूजीसी मान्यता नहीं देता है।

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