रामपाल की शनिवार और सोमवार को कोर्ट में पेशी थी और ये पेशी के समय अपने गुरु के दर्शन करना चाहते थे। मेगा हाइवे बाइपास क्रॉस कर जैसे ही मिनी बस डीडवाना रोड स्थित पेट्रोल पंप से आगे पहुंची, सड़क पर एक काले रंग का सांड गुजर रहा था। तभी सामने से आ रहा एक ट्रक सांड से टकरा कर आगे निकल गया। फिर उसी सांड व ट्रक से तेज गति से आ रही मिनी बस टकरा गई और अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े एक खेजड़ी के पेड़ से जा भिड़ी।
भिड़ंत इतनी जबरदस्त थी कि वैन के परखच्चे उड़ गए। वहीं, उसमे सवार यात्रियों के शव सड़क पर यहां-वहां बिखर गए और सड़क खून से सन गई। हादसे के बाद हर तरफ लाशें बिखरी पड़ी थी। क्षतिग्रस्त बस, शवों के चिथड़े, खून से सनी सड़के भयावह बनी थी। किसी का सिर धड़ से अलग था तो किसी का हाथ-पैर कटकर दूसरी जगह गिर पड़ा था। हादसे में बाद चहुंओर कोहराम मच गया। मृतक इतने ज्यादा हो गए कि अस्पताल की मोर्चरी में शव रखने को भी जगह नहीं मिली।
इनकी हुई मौत: हादसे में भगवान बेडग्वे (50) निवासी लातूर, श्यामजी गायकवाड़ (55) निवासी कर्नाटक, समित्रा सागवी (35) निवासी लातूर, सुतार (55) निवासी लातूर, बलिराम (27) कर्नाटक, रामप्रसाद (30) निवासी सागवी, चालक गोविंद (32) लातूर, शिवप्रसाद (28) परवनी, सुप्रिया बालाजी (16) निवासी नियाजपुर उस्मानाबाद, सालूभाई (60) चिलाईबडी, मयूरी (18), सिद्धी सागवी (9) लातूर, रुकमणी (30) पत्नी नानेसर की मौत हो गई।