कल से नामांकन, अब तक चार विधानसभा सीटों पर चुनावी तस्वीर साफ नहीं
4 सैकंड से पहले कॉल रखा तो दोबारा बजेगी घंटी
ऐसे कॉल रिसीव करने के चार सैकंड के भीतर फोन काट देते हैं तो दोबारा घंटी बजेगी। ऐसा तीन बार होगा। बल्क वॉयस कॉल भेजने वाली कंपनियों ने ऐसा ही सिस्टम डवलप किया हुआ है। इसकी जानकारी नहीं होने से लोग ऐसे नंबर से आने वाली कॉल रिसीव नहीं कर रहे, लेकिन कुछ अंतराल के बाद बार-बार घंटी बजने से परेशानी बढ़ गई।
एक नंबर के 32 पैसे ले रहे: कंपनियां एक मोबाइल नंबर पर वॉयस कॉल भेजने के 32 पैसे ले रही हैं। यदि 5 हजार मोबाइल नंबर पर रिकार्डेड वॉयस कॉल भेजना है तो आपको 1600 रुपए देने होंगे, जबकि टेक्स्ट मैसेज के 16 से 18 पैसे प्रति मोबाइल नंबर ले रहे हैं।
इतने परेशान की मित्र-रिश्तेदारों को वोट नहीं देने के लिए कह रहे
प्रत्याशी का कॉल दूसरे शहरों के लोगों के मोबाइल पर भी बज रहा है। लोग इतने परेशान हो गए कि अब वे उस शहर में रहने वाले अपने मित्र, रिश्तेदारों को ऐसे प्रत्याशी को वोट नहीं देने के लिए कह रहे हैं।
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यह हो सकता है एक्शन
-कंपनी को ऐसे बल्क मैसेज और वॉयस कॉल भेजने के लिए ट्राई से लाइसेंस लेना होता है। अमूमन इसके लिए सालाना 5200 रुपए लाइसेंस शुल्क लगता है। इसके बिना मैसेज भेजनेे वालों के खिलाफ ट्राई एक्शन ले सकता है। क्योंकि बिना लाइसेंस के ऐसे कॉल ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ श्रेणी में भी आते हैं।
-ऐसे मामलों में निर्वाचन विभाग या रिटर्निंग अधिकारी संबंधित प्रत्याशी को पाबंद कर सकता है।
-यह चुनाव प्रचार है, इसलिए इन प्रत्याशियों के चुनाव खर्चे में यह जोड़ा जाना चाहिए, हालांकि प्रत्याशी बिलिंग नहीं कराते, इसलिए मॉनटिरिंग सिस्टम सुद़ृढ करने की जरूरत।