‘संकल्प पत्र’ तैयार करने में जुटी भाजपा
पहली बड़ी खबर भाजपा से, जो विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के ठीक अगले ही दिन अपना ‘संकल्प पत्र’ तैयार करने में जुट गई है। इसके लिए आज जयपुर में संकल्प पत्र समिति की महत्वपूर्ण बैठक प्रदेश भाजपा मुख्यालय में बुलाई गई है। बैठक की अध्यक्षता समिति की अगुवाई कर रहे केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल करेंगे। जबकि समिति में शामिल तमाम अन्य वरिष्ठ नेता इस बैठक में शामिल होने के लिए जयपुर में हैं। इनमें संकल्प पत्र समिति के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अलावा समिति के सह-संयोजक सांसद घनश्याम तिवाड़ी और सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा भी मौजूद रहेंगे। इनके अलावा समिति के अन्य सदस्यों को भी जयपुर बुलाया गया है। समिति की पिछली बैठक 3 अक्टूबर को प्रदेश मुख्यालय में हुई थी।
पुलिस तक पहुंचा पोस्टर विवाद
दूसरी बड़ी भाजपा के ‘नहीं सहेगा राजस्थान’ अभियान पोस्टर विवाद से जुड़ी है, जिसमें एक नया मोड़ सामने आया है। जैसलमेर के रहने वाले किसान माधूराम जयपाल ने अब भाजपा पर मानहानि का आरोप लगाया है। इस बाबत जैसलमेर के रामदेवरा थाने में शिकायत भी दर्ज करवाई है। अपनी बात को दोहराते हुए माधूराम ने रोज़नामचा रिपोर्ट में बताया है कि भाजपा ने उनकी फोटो बगैर उनसे पूछे अपनी प्रचार सामग्रियों में इस्तेमाल किया है, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। यही नहीं आमजन और समाज के बीच मेरी मानहानि हुई है। माधूराम ने इस मामले में दोषियों पर तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। आपको बता दें कि किसान माधुराम ने कुछ दिनों पहले ही जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाक़ात करके अपनी पीड़ा ज़ाहिर की थी। किसान माधूराम का कहना है कि उसे पेंशन, फ्री बिजली और कई दूसरी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। जबकि भाजपा ने झूठी जानकारियां और तथ्यों के साथ उनका चेहरा सरकार के खिलाफ प्रचार सामग्रियों में काम में लिया है, जो पूरी तरह से गलत और आहत करने वाला है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जैसलमेर जिला कलक्टर को किसान की फोटो वाले पोस्टर हटाने के आदेश दिए थे।
सीएम ओएसडी की फिर पेशी
तीसरी बड़ी खबर राजस्थान सीएम ओएसडी लोकेश शर्मा की… जिन्हें फोन टैपिंग मामले में 9वीं बार नोटिस जारी करके आज दिल्ली क्राइम ब्रांच ने तलब किया है। इसी मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में कल होने जा रही सुनवाई से ठीक एक दिन पहले उन्हें पूछताछ के लिए बुलाने पर शर्मा ने भी सवाल उठाए हैं। सीएम ओएसडी का कहना है कि क्राइम ब्रांच अब तक आठ बार नोटिस जारी करके उन्हें बुला चुका है, जिनमें से चार बार हुई पूछताछ में सभी तरह के तथ्य-सबूत पेश करके अपना पक्ष रखा है। आखिरी बार 20 मार्च को तो लगभग 9 घंटे तक की कड़ी पूछताछ चली थी। बावजूद इसके बार-बार नोटिस जारी कर तलब करना बेवजह परेशान करना है। इधर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की हलचलों के बीच सीएम ओएसडी और उनके समर्थक आशंकित हैं कि कहीं ये मामला नया मोड़ ना ले ले। संभावनाओं में सीएम ओएसडी की गिरफ्तारी की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। आपको याद दिला दें कि ये मामला मार्च 2021 का है जब केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए लोकेश शर्मा के खिलाफ नई दिल्ली में एफआईआर दर्ज करवाई थी।
कांग्रेस की पहली सूची पर ‘सस्पेंस’
चौथी बड़ी खबर है कांग्रेस प्रत्याशियों की बहुप्रतीक्षित सूची से जुड़ी है… वैसे प्रत्याशियों की घोषणा में भाजपा ने बाजी मार ली है। इधर भाजपा की लिस्ट आने के बाद कांग्रेस में हलचल कुछ ज़्यादा ही होने लगी है। कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर में भले ही टिकटों के जल्दी वितरण का संकल्प लिया गया हो लेकिन यह संकल्प साकार होता नहीं दिख रहा। अब चुनावों की घोषणा हो चुकी हैं। तो माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की सूचियां भी जारी हो जाए। वैसे भी चर्चा थी कि कांग्रेस, भाजपा की लिस्ट के बाद ही अपनी पहली लिस्ट जारी करेगी। पितृपक्ष चल रहा है तो संभावना है कि नवरात्र के पहले दिन कांग्रेस अपनी पहली लिस्ट का एलान करे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव सीमित की बैठक 12-13 अक्टूबर को होगी। जिसमें उम्मीदवारों के नामों पर फाइनल मुहर लग जाएगी।
भाजपा सूची में कटे कइयों के टिकट
पांचवीं बड़ी खबर है राजस्थान भाजपा से। विधानसभा चुनाव के लिए जारी 41 प्रत्याशियों की पहली सूची से जुड़ी। सामने आया है कि इनमें 39 वो सीटें है जिन पर भाजपा प्रत्याशी साल 2018 का चुनाव हार गए थे। वहीं 11 सीटों पर भाजपा पिछले तीन चुनाव में हारी थी।सूची से प्रदेश के नेताओं को झटका लगा है। सूची में भाजपा आलाकमान की ओर से करवाए गए सर्वे और आरएसएस की सलाह को प्राथमिकता दी गई है। भाजपा ने छह लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद को टिकट देने के साथ ही एक सेवानिवृत आईएएस अधिकारी को भी प्रत्याशी बनाया है। सूची में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जिन लोगों को टिकट दिए गए थे, उनमें से 29 के टिकट काट दिए गए हैं। यानी 29 सीटों पर पिछला विधानसभा चुनाव लड़ने वालों के स्थान पर नये चेहरे उतारे गए हैं। गुर्जर आरक्षण आंदोलन की अगुवाई करने वाले स्व.कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला को उनियारा सीट से टिकट दिया गया है।