राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि बिजली की दरें नहीं बढ़ाने की बात करने वाली कांग्रेस सरकार ने फरवरी माह में बिजली दरों में 15.20 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। यह स्याही अभी सूखी नहीं थी कि एक बार फिर से सरकार ने राज्य के 1.52 करोड़ उपभोक्ताओं से 475 करोड़ रुपए वसूलने के लिए फ्यूल सरचार्ज का झटका दे दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद हर उपभोक्ता को 30 पैसे प्रति यूनिट की अतिरिक्त राशि अप्रैल माह से देनी होगी। इससे आम उपभोक्ता पर 150 से 1200 रु तक का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने 8 मार्च के अंक में उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज के नाम पर डाले जाने वाले भार की खबर प्रकाशित की थी।
राठौड़ ने कहा कि विधानसभा का सत्र चल रहा है और यह परंपरा रही है कि ऐसे निर्णय के लिए विधानसभा को सूचित किया जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष अक्टूबर से दिसंबर के बीच 2.45 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीद की दर तय की गई थी लेकिन 2.71 रुपए प्रति यूनिट की दर से खरीदी की गई है। डिस्कॉम को 26 पैसे प्रति यूनिट की जो हानि हुई और सरकार छीजत नहीं रोक पाई।
वहीं अतिरिक्त प्रतिभूति के नाम पर 600 से 4000 रुपए उपभोक्ताओं से लिए गए। सरकार को अडानी पावर को 2700 करोड़ रुपए देने हैं। 18 महीने के लिए जजिया कर के रुप में उपभोक्ताओं पर 5 पैसे प्रति यूनिट चार्ज लगा दिया गया। बिजली बिल में इतना अतिरिक्त भार राज्य के डेढ़ करोड़ उपभोक्ताओं पर लादा जा रहा है। प्रदेश की जनता महंगाई की इस दोहरी मार का माकूल जवाब देगी। कांग्रेस सरकार को कभी माफ नहीं करेगी।