सतीश पूनिया ने कहा कि रैली जिस जगह हुई है वहां हास्य कवि सम्मेलन होते हैं। आज भी जयपुर की जनता का अच्छा मनोरंजन हुआ है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में बताया कि किसान के पास जब पैसा होता है तो वह पतलून खरीदता है। यह उन्होंने लोगों को आज नया फार्मूला दिया है। पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से दिशाहीन और नेतृत्वहीन है। इसलिए रैली में लोग एकत्र नहीं हुए। जो लोग जुटे उसमें भी उन्होंने कॉलेजों को, व्यापारियों, स्काउट गाइड को पाबंद किया। जिस देखते हुए कुल मिलाकर यह जुगाड़ की रैली थी, इसमें कहीं आक्रोश नजर नहीं आया।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने राहुल गांधी के दौरे को फ्लॉप शो बताते हुए कहा कि शिक्षक संस्थाओं से जबरदस्ती विद्यार्थियों और कर्मचारियों को लाया गया। अफसोस इस बात का है कि युवा आक्रोश रैली में राहुल गांधी राजस्थान सरकार के एक भी कार्यक्रम की घोषणा नहीं कर पाए और ना ही किसी नवाचार के बारे में बताया। उनकी रैली केवल खोदा पहाड़ निकली चुहिया की कहावत को चरितार्थ करती है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने ट्वीट में लिखा कि सरकार के प्रति युवाओं में आक्रोश है। उन्होंने लिखा कि ‘जयपुर में आयोजित कांग्रेस की ‘युवा आक्रोश रैली’ का विषय काफी हद तक ठीक ही है। क्योंकि कांग्रेस सरकार पिछले एक साल में #Rajasthan के युवाओं से किए अपने एक भी वादे पर खरी नहीं उतर पाई है, ऐसे में राज्य सरकार के खिलाफ युवाओं में आक्रोश चरम पर है।’