‘डैमेज कंट्रोल’ को लेकर डॉ पूनिया का कहना है कि बागियों को मनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए मंडल और बूथ स्तर पर जिम्मेदारियां दी गई हैं। पूनिया ने कहा वे खुद इस ‘डैमेज कंट्रोल’ को मोनिटर कर रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त करते हुए दावा किया कि पार्टी से बागी हुए कार्यकर्ताओं को मना लिया जाएगा।
टिकिट वितरण के बाद पार्टी के कई वरिष्ठ नेता ऐसे हैं जो पार्टी नेतृत्व से नाराज़ चल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार लगभग एक दर्जन से ज़्यादा विधायकों और पूर्व विधायकों ने प्रदेश नेतृत्व से टिकिट वितरण को लेकर नाराजगी ज़ाहिर की है।
प्रदेश भाजपा में इस बार टिकिट बांटने में विधायकों और पूर्व विधायकों पर संगठन भारी पड़ा है। हालांकि इन नेताओं फिलहाल अनुशासित रहते हुए अंदरखाने ही अपना एतराज प्रदेश नेतृत्व तक पहुंचाया है। इधर, विधायकों-पूर्व विधायकों के नाराज़ होने के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ पूनिया ने भी साफ़ कह दिया है कि पार्टी का अस्तित्व होता है विधायक का नहीं। मीडिया को दी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि पार्टी की वजह से ही कोई विधायक बनता है विधायकों की वजह से पार्टी नहीं बनती।