दरअसल, वाकया जयपुर स्थित प्रदेश भाजपा मुख्यालय का है। यहां नियमित जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ बांसवाड़ा विधायक भीमा भाई से उलझ गए। बताया जा रहा है कि दोनों के बीच किसी फरियादी के तबादले की बात को लेकर कहासुनी हो गई। इस दौरान जनसुनवाई में अचानक से माहौल गरमा गया।
मीडिया को कवरेज से रोका
जानकारी के अनुसार जनसुनवाई को कवर करने पहुंचे मीडियाकर्मियों के सामने अचानक से मंत्री और विधायक के बीच बहस शुरू हो गई। मंत्री कालीचरण सराफ किसी बात को लेकर तैश में आ गए और उन्होंने वहां बैठे विधायक भीमा भाई को झल्लाते हुए बाहर निकलने तक के लिए कह दिया। गरमाये माहौल को कवर कर मीडियाकर्मियों को भी बाहर निकलने को कहा गया।
जानकारी के अनुसार जनसुनवाई को कवर करने पहुंचे मीडियाकर्मियों के सामने अचानक से मंत्री और विधायक के बीच बहस शुरू हो गई। मंत्री कालीचरण सराफ किसी बात को लेकर तैश में आ गए और उन्होंने वहां बैठे विधायक भीमा भाई को झल्लाते हुए बाहर निकलने तक के लिए कह दिया। गरमाये माहौल को कवर कर मीडियाकर्मियों को भी बाहर निकलने को कहा गया।
मिली जानकारी के अनुसार विधायक भीमा भाई ने मंत्री से एक तबादले की सिफारिश की थी। सिफारिशी चिट्ठी को मंत्री सराफ ने एक तरफ रख दिया। इसपर विधायक ने कहा आपने तो अर्ज़ी एक तरफ रख दी। जवाब में मंत्री सराफ ने कहा, ”कागज़ जैसे आएगा वैसे ही जाएगा। कागज संभला रहे, इसलिए साइड में रखा है,आपके कागज़ का पूरा ध्यान रखा जाएगा। आप बताओ पहले मैं आपकी सुनूं या जनता की। ”
तबादलों पर पहले भी भिड़ चुके हैं बीजेपी के वरिष्ठ नेता
गौरतलब है कि इससे पहले भी तबादलों की बात पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता आमने-सामने हो चुके हैं। चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया व शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी के बीच जमकर तकरार हो चुकी है। उस दौरान दोनों के बीच मारपीट की सोशल मीडिया में वायरल हुई खबरों का हालांकि बाजिया ने खंडन किया।
गौरतलब है कि इससे पहले भी तबादलों की बात पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता आमने-सामने हो चुके हैं। चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया व शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी के बीच जमकर तकरार हो चुकी है। उस दौरान दोनों के बीच मारपीट की सोशल मीडिया में वायरल हुई खबरों का हालांकि बाजिया ने खंडन किया।
दरअसल, सीकर जिले के खंडेला विधानसभा क्षेत्र के कुछ कार्यकर्ताओं के परिचितों के तबादले को लेकर चिकित्सा राज्य मंत्री बाजिया शिक्षामंत्री से मिलने उनके आवास पर गए थे। यहां बाजिया की देवनानी से तबादला कराने के मामले को लेकर तकरार हो गई। इस दौरान लगभग दस मिनट तक दोनों में जमकर कहासुनी हुई।
ये था विवाद
खंडेला विधानसभा क्षेत्र में 20 से अधिक ऐसे शिक्षक तबादला करवाकर आ गए थे जिनकी स्थानीय विधायक व चिकित्सा राज्यमंत्री ने डिजायर ही नहीं की। वहीं चिकित्सा राज्यमंत्री ने जिन स्थानों की डिजायर की उनको एच्छित स्थानों पर नहीं लगाया गया। इससे नाराज चिकित्सा राज्यमंत्री बाजिया की शिक्षामंत्री देवनानी से तकरार हो गई।
खंडेला विधानसभा क्षेत्र में 20 से अधिक ऐसे शिक्षक तबादला करवाकर आ गए थे जिनकी स्थानीय विधायक व चिकित्सा राज्यमंत्री ने डिजायर ही नहीं की। वहीं चिकित्सा राज्यमंत्री ने जिन स्थानों की डिजायर की उनको एच्छित स्थानों पर नहीं लगाया गया। इससे नाराज चिकित्सा राज्यमंत्री बाजिया की शिक्षामंत्री देवनानी से तकरार हो गई।
भाजपा सूत्रों का कहना था कि चिकित्सा राज्य मंत्री दस शिक्षकों की सूची लेकर शिक्षामंत्री के पास गए थे। इस दौरान चिकित्सा राज्य मंत्री ने शिक्षामंत्री से दस शिक्षकों के तबादला करने की बात कही। लेकिन यहां एक-दृूजे विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठते हुए उलझ गए। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि झगड़ा तबादलों में भ्रष्टाचार की कहानी से शुरू हुआ था।