जयपुर

Rajasthan BSP : 6 विधायकों के ‘झटके’ से उबरने की कवायद, सुप्रीमो Mayawati की ‘हिदायत’ पर हो रहा काम

Rajasthan BSP Mission 2023 Assembly Elections in Rajasthan – राजस्थान बसपा का ‘मिशन 2023’, ‘टिकाऊ’ नेता-कार्यकर्ता की तलाश में पार्टी, पार्टी छोड़कर 6 विधायक दे चुके हैं झटका, सुप्रीमो मायावती से प्रदेश नेतृत्व को मिली हिदायतें, जिलेवार और बूथ स्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलनों पर फोकस, दावा- हर बार की तरह इस बार भी बनेंगे ‘बैलेंस ऑफ़ पावर’

जयपुरAug 12, 2022 / 11:30 am

Nakul Devarshi

Rajasthan BSP Mission 2023 Assembly Elections in Rajasthan

जयपुर। राजस्थान में 6 विधायकों को खोने के बाद इस बार बहुजन समाज पार्टी अपने ‘मिशन 2023’ में फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रही है। पार्टी इन दिनों ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं की तलाश में हैं जो बीच रास्ते में धोखा नहीं देकर उनके साथ लंबी पारी में जुड़ा रहे। इसी दोहरी चुनौती और फोकस के साथ प्रदेश बसपा इन दिनों कार्यकर्ता सम्मलेन आयोजित कर रही है।

 

जानकारी के अनुसार प्रदेश बसपा का विभिन्न ज़िलों में कार्यकर्ता सम्मेलनों का सिलसिला परवान पर है। इन सम्मेलनों के ज़रिये कार्यकर्ताओं से वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र तैयारियों में जुटने का आह्वान किया जा रहा है।

 

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सुप्रीमो मायावती की सख्त हिदायत
बसपा प्रदेश अध्यक्ष भगवान् सिंह बाबा का कहना है कि पार्टी सुप्रीमो मायावती की राजस्थान पर विशेष नज़र है। वे प्रदेश नेतृत्व को इस बारे में सख्त हिदायत दे चुकी हैं कि पार्टी के साथ ऐसे कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाए जो समर्पित होकर लम्बे वक्त तक पार्टी को सेवा दे सके।


प्रदेशाध्यक्ष भगवान बाबा ने कहा कि वर्ष 2018 में हमने पार्टी के सिंबल से 6 विधायकों को जितवाया। लेकिन दुर्भाग्य से सभी नेता विधायक बनने के बाद गहलोत सरकार की ओर से मंत्री पद सहित तमाम तरह के लालच में आ गए और छोड़कर चले गए। लेकिन इस बार ‘टिकाऊ’ कार्यकर्ताओं का चयन किये जाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।

 

 

राजस्थान दौरे पर आएंगे सांसद रामजीलाल
प्रदेश बसपा इन दिनों कार्यकर्ता सम्मेलनों पर फोकस कर रही है। इस बीच बसपा के वरिष्ठ नेता सांसद रामजी लाल गौतम 26 अगस्त से पांच दिवसीय राजस्थान दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान वे भरतपुर, दौसा के महुआ, गंगापुर सिटी, हनुमानगढ़ और झुंझुनू में आयोजित कार्यकर्ता सम्मलेन में शामिल होंगे।

 

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छात्रसंघ चुनाव में नहीं दिलचस्पी

प्रदेश में हो रहे छात्रसंघ चुनाव से बहुजन समाज पार्टी दूरी बनाए हुए है। हालांकि पार्टी नेताओं की नज़र चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों पर ज़रूर रहेगी, ताकि विधानसभा चुनाव के दौरान यदि ज़रुरत हुई तो इन विजयी प्रत्याशियों को अपने पक्ष में किया जा सके।

 

गौरतलब है कि इससे पहले हुए छात्रसंघ चुनाव में बसपा की छात्र इकाई ‘बहुजन स्टूडेंट फ्रंट’ ने बाकायदा प्रत्याशी उतारे थे और कुछ कॉलेजों में वे विजयी भी हुए थे। लेकिन इस बार छात्र संघ चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारे जा रहे हैं। फिलहाल फोकस विधानसभा चुनावों को लेकर ही है।

 

कांग्रेस में शामिल नेता ‘संतुष्ट’ हुए नेता !

बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले नेताओं में राजेन्द्र गुढ़ा (उदयपुरवाटी), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई), वाजिब अली (नगर), लाखन सिंह मीणा (कराैली), संदीप यादव (तिजारा) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ़बास) शामिल रहे। फिलहाल इन सभी को गहलोत सरकार ने वाडे और ‘शर्तों’ के आधार पर मंत्रिपद या राजनीतिक नियुक्तियां देकर संतुष्ट कर दिया है।

 

पहले भी 6 ही विधायक दे चुके ‘धोका’

2009 में भी मुख्यमंत्री गहलोत ने बसपा के सभी छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल करने के बाद तीन को संसदीय सचिव और तीन को मंत्री बनाया था। उस समय बसपा छाेड़ने वाले विधायक गिर्राज सिंह, रमेश मीणा और रामकेश को संसदीय सचिव तथा मुरारी मीणा को तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री, राजकुमार शर्मा को चिकित्सा राज्य मंत्री और राजेंद्र गुढ़ा को पर्यटन राज्य मंत्री बनाया गया था।

 

” राजस्थान में वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव में बसपा बैलेंस ऑफ़ पावर बने, इसी लक्ष्य के साथ कार्यकर्ता सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। इस बार पार्टी ऐसे ‘टिकाऊ’ कार्यकर्ता की तलाश में है जो चुनाव में जीत या हार के बावजूद संगठन के साथ जुड़ा रहे।”भगवान् सिंह बाबा, प्रदेशाध्यक्ष, बसपा

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