उन्होंने कहा कि समूचे देश में पहले बार राजस्थान ने सिलिकॉसिस नीति एवं पेंशन प्रावधान कर लक्षित वर्ग को लाभान्वित किया है। जिसमें सिलोकॉसिस पीड़ित की मृत्यु होने पर परिवार को 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दिये जाने एवं रोग पीड़ित माता-पिता के बच्चों का पालनहार योजना का लाभ दिया जाने का प्रावधान किया है। देवनारायण योजना में प्रतिवर्ष छात्राओं को एक हजार स्कूटी के स्थान पर 1500 स्कूटी दी जायेगी। जिसमें एक हजार स्कूटी विभाग द्वारा दी जायेगी। सहयोग एवं उपहार योजना में दसवीं से कम योग्यता होने पर कन्या के विवाह पर 20 हजार रुपये एवं 10वीं पास कन्या के विवाह पर 30 हजार रुपये दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहल करते हुए आर्थिक कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को राज्य के अधीन सेवाओं एवं शैक्षणिक संस्थाओं में 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के लिए भारत सरकार के सम्पत्ति के मापदण्डों में संशोधित करते हुए राज्य में केवल 8 लाख रुपये आय का ही मापदण्ड रखा है। उन्होंने राजस्थान राज्य आर्थिक पिछड़ा बोर्ड के गठन की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि एमबीसी के व्यक्तियों को राज्य के अधीन सेवाओं एवं शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश हेतु 5 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है तथा इसमें बंजारा, बालदिया, लबाना, गाडिया लोहार, गाडोलिया, गूजर, गुर्जर, रायका, रैबाकी(देबासी) गडरिया, (गाडरी), गायरी जातियों को शामिल किया गया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने मुख्यमंत्री को वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य के लिए प्रस्तुत बजट प्रस्ताव में भारत रत्न पं. जवाहर लाल नेहरू के नाम से सौ करोड़ रुपये के नेहरू बाल संरक्षण कोष की गठन की घोषणा के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि इस कोष के माध्यम से 18 वर्ष तक आयु वर्ग के बालक-बालिकाओं के अधिकारों के संरक्षण एवं समुचित पुर्नवास के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में वृद्वावस्था पेंशन योजना में लाभाविन्त पेंशनर्स की संख्या 52 लाख 65 हजार 734 है। एकल नारी सम्मान व विधवा पेंशन में 18 लाख 16 हजार 32 है। इसी प्रकार लघु एवं सीमान्त कृषक पेंशन में 2 लाख 77 हजार 434 है। विशेष योग्यजन योजना में 5 लाख 22 हजार 425 है।
उन्होंने कहा कि 18 मार्च 2019 को सरलीकरण के आदेश जारी करने कारण कुल 49703 पालनहार एवं 89720 से बच्चों की संख्या में वृद्वि हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में जनवरी 19 से फरवरी 2020 तक लाभाविन्त छात्रों की संख्या 9 लाख 35 हजार है जिन पर कुल व्यय राशि 1064 करोड है। पूर्व सरकार के बकाया 2 लाख आवेदनों का निस्तारण करते हुए छात्रवृति प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। वर्तमान में केवल मात्र 9 हजार 500 आवेदन लम्बित है इन्हें भी मार्च 2020 तक निस्तारण करने की कार्यवाही की जायेगी। सरलीकरण के अन्तर्गत जांच स्तरों को कम किया गया, आय घोषणा संबंधी समस्याओं को दूर किया, बार बार आक्षेप, भौतिक सत्यापन इत्यादि प्रकार की बाध्यताओं को हटाते हुये विद्यार्थियों के छात्रवृति आवेदनों को शिक्षण संस्था एवं स्वीकृत कर्ता अधिकारी द्वारा 21-21 दिवस में ही निस्तारण करना अनिवार्य है।
वर्ष 2019-20 के द्वारा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के राजकीय छात्रावासों की मैस भत्ते की राशि 2000/-रूपये से बढ़ाकर 2500/- रूपये प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह किया गया था, अब वर्ष 2020-21 बजट घोषणा में अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, आवासीय विद्यालय तथा विभाग द्वारा संचालित अन्य राजकीय आवासीय छात्रावासों के मैस भत्ते की राशि को भी 2000/- रूपये से बढ़ाकर 2500/- रूपये प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह किये गये हैं। जिससे लगभग 45000 आवासरत छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा।
सत्र 2019-20 से छात्रावासों में प्रवेश हेतु विद्यार्थियों के परिवार की वार्षिक आय सीमा अधिकतम 2.50 लाख रूपये से बढ़ाकर 8.00 लाख रूपये की गयी है। इन आवासीय विद्यालय में प्रदेश के अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के साथ-साथ अन्य पिछडा वर्ग, आर्थिक पिछडा वर्ग एवं अति पिछडा वर्ग, निष्क्रमणीय पशु-पालको तथा भिक्षावृति एवं अन्य अवांछित गतिविधियों में लिप्त परिवारों के विधार्थियों को प्रवेश दिया जाता है। जैतेश्वर धाम, जिला बाड़मेर में निर्माणाधीन आवासीय विद्यालय का वित्तीय वर्ष 2020-21 से संचालन प्रारम्भ करा दिया जायेगा।