सीएम गहलोत ने गुरुवार को तीन ट्वीट किये। इन ट्वीट्स में उन्होंने बिहार की नितीश कुमार सरकार की सराहना करने के साथ ही प्रदेश सरकार की भी पीठ थपथपाई। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा कि बिहार सरकार जैसा कदम राजस्थान में पहले ही लिया जा चुका है।
बिहार सरकार ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है जिसमें माता-पिता की सेवा नहीं करने वाली संतानों को अब जेल की सजा भी हो सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की हुई बैठक में समाज कल्याण विभाग के इससे संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। बिहार में रहने वाली संतान यदि माता-पिता की सेवा नहीं करती है तो उनको जेल की सजा हो सकती है। माता-पिता की शिकायत मिलते ही ऐसी संतानों पर कार्रवाई होगी।
मंत्रिमंडल विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 2007 में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम में संशोधन किया है। पूर्व में बच्चों द्वारा प्रताडि़त किए जाने वाले माता-पिता को न्याय के लिए जिलों के परिवार न्यायालय में अपील करनी होती थी। जहां सुनवाई प्रधान न्यायाधीश के स्तर पर होती थी। अब माता-पिता जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित अपील अधिकरण में अपील करेंगे। जिलाधिकारी ही मामले की सुनवाई करेंगे।