बता दें कि सोमवार को प्रत्याशियों की पहली लिस्ट की घोषणा मंगलवार तक लटक गई। कांग्रेस के वॉर रूम में तीन दिन तक राज्य के बड़े नेताओं से रायशुमारी के बाद भी सभी 200 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर सर्वसम्मति नहीं बन सकी थी।
जबकि रविवार तड़के साढ़े 4 बजे तक सभी बड़े नेता वॉर रूम में चर्चाएं करते रहे। उनका फोकस रविवार घोषित हुए भाजपा प्रत्याशियों के बाद बनते- बिगड़ते समीकरणों पर रहा। राहुल गांधी की अध्यक्षता में अब तक तय पैनल पर फिर चर्चा हुई। करीब 3 घंटे चली बैठक में बड़े नेताओं के बीच बहस के बाद टकराव के हालात पैदा हो गए थे। सूत्रों के अनुसार जयपुर और बीकानेर संभाग सहित अन्य जिलों की कुछ सीटों पर सहमति नहीं बन सकी।
बीकानेर संभाग की कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर राज्य नेताओं के बीच विवाद हुआ। नेताओं ने पसंदीदा को टिकट दिलाने की कोशिश की। उसे लेकर प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी में बहस हो गई थी।