उन्होंने बताया कि जिन तीन मरीजों की मौत हुई वो तीनों मरीज बहुत गंभीर थे तथा चिकित्सक व स्टॉफ उन्हें कई दिनों से बचाने का प्रयास कर रहे थे। एक मरीज के परिजन ने जब ऑक्सीजन सेचुरेशन में उतार चढ़ाव देखा तो वह घबरा गया और उसने शोर मचाना प्रारंभ कर दिया। मरीजों की गंभीर स्थिति देखते हुए वहां मौजूद स्टॉफ व चिकित्सकों ने उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया। उनके लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन सिंलेंडर की व्यवस्था भी की गई ,लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
आरयूएचएस प्रभारी ने कहा कि उक्त घटना की पूर्ण जांच की गई है और जिम्मेदारों से लिखित में पूरी रिपोर्ट प्राप्त की गई है। इससे यह स्पष्ट हुआ है कि 14 मई को हुई तीन मरीजों की मौत आक्सीजन का दबाव कम होने से नहीं हुई है।