दरअसल, इस चौंकाने वाली बात का खुलासा एक मीडिया ग्रुप की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम ने किया है। इस टीम का दावा है कि क्रिकेट टीम के ज़रिये कबूतरबाज़ी नेटवर्क के तार राजस्थान से जुड़े हुए हैं। यहां की एसोसिएशन से जुड़े कुछ पदाधिकारी मोटी रकम लेकर फ़र्ज़ी क्रिकेटर्स को टीम में शामिल करके उन्हें विदेश भेजने के अवैध काम में लिप्त हैं।
इन पूर्व क्रिकेटर्स के नाम आये सामने
क्रिकेट टीम के ज़रिये कबूतरबाज़ी को अंजाम देने वाले जिस नेटवर्क के भंडाफोड़ करने का दावा किया गया है उसमें राजस्थान रणजी टीम का एक पूर्व कप्तान प्रमुख तौर पर शामिल होना बताया गया है। ये पूर्व क्रिकेटर कई सालों तक राजस्थान टीम का सदस्य रहा और इसने अपने करियर में कई फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला है।फिलहाल ये पूर्व रणजी कप्तान जयपुर जिला क्रिकेट एसोसिएशन में भी महत्वपूर्व पद पर काबिज़ है।
कबूतरबाज़ी के इस नेटवर्क में इस पूर्व रणजी कप्तान के साथ उसके सहयोगी का भी ज़िक्र किया गया है। इस शख्स को भी पूर्व अंडर-19 क्रिकेटर बताया गया है। पूर्व रणजी कप्तान और पूर्व अंडर-19 क्रिकेटर एक दूसरे के काफी नज़दीक बताये गए हैं। दावा किया गया है कि इस जुगल जोड़ी ने अब तक कई फ़र्ज़ी क्रिकेटर्स को अवैध रुट से विदेश भेजने का काम किया है। इन दोनों के अलावा राजस्थान के ही एक और पूर्व फर्स्ट क्लास क्रिकेटर का भी चौंकाने वाला नाम सामने आया है।
मीडिया ग्रुप ने अपने खुलासे में दावा किया है कि राजस्थान के पूर्व क्रिकेटर्स विदेश जाने की चाहत रखने वाले युवकों से मोटी कीमत वसूलते हैं। कबूतरबाजी के इस खेल में राजस्थान क्रिकेट के कई बड़े नाम शामिल हैं। दावा किया गया है कि इन पूर्व क्रिकेटर्स ने बातचीत में कबूतरबाज़ी करना स्वीकार किया है जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी है। इसमें हुई बातचीत में इन पूर्व क्रिकेटर्स ने कबूतरबाज़ी नेटवर्क के संचालन के तरीके को भी खुलकर बताया है। ये बातचीत जयपुर में एक होटल में होना बताया गया है।
ऐसे भेजते हैं फ़र्ज़ी क्रिकेटर्स
दरअसल, बताया गया है कि पूर्व रणजी कप्तान का नज़दीकी शख्स जो अंडर-19 क्रिकेट खेल चुका है, उसी के देखरेख में क्रिकेटर्स की ट्यूरिंग का ज़िम्मा है। यही शख्स तमाम क्रिकेट ग्रुप्स को साथ लेकर विदेश जाता है।
अंडरकवर टीम ने इन पूर्व क्रिकेटर्स और पदाधिकारियों से दक्षिण अफ्रीका के आगामी टूर के लिए विदेश जाने की चाहत रखने वाले युवकों को क्रिकेटर बना कर ले जाने की पेशकश की। दावा किया जा रहा है कि वीडियो रिकॉर्डिंग में इन पूर्व क्रिकेटर्स और पदाधिकारियों ने माना है कि असली प्रोफेशनल क्रिकेटर्स के साथ लड़कों को फ़र्ज़ी क्रिकेटर्स बनाकर भी विदेश ले जाया जाता है। अवैध रूप से विदेश ले जाने वाले तरीके को ‘स्लिप’ कहा जाता है।
दावा है कि पूर्व रणजी कप्तान के सहयोगी ने फ़र्ज़ी क्रिकेटर्स को जुलाई महीने के आगामी दक्षिण अफ्रीका दौरे में भेजने की हामी भरी और इसके बदले मोटी रकम लेने की भी बात कही। बताया गया है कि पदाधिकारी ने 15 लोगों की टीम की जगह 25 क्रिकेटर्स को भेजने के आवेदन की बात कही।
चौंकाने वाली बात तो सामने आई कि जिन लड़कों को क्रिकेटर्स बताते हुए ट्यूर टीम में शामिल करने की रज़ामंदी हुई उन लड़कों को क्रिकेट खेलना आता तक नहीं। इसके बावजूद उन्हें विदेश भेजने की बात पर पदाधिकारी राज़ी हो गया। उसने प्रति व्यक्ति 30 लाख रूपए के बदले फ़र्ज़ी क्रिकेटर्स को विदेश भेजने की गारंटी तक ली।
पदाधिकारी ने दावा किया कि उसका फर्जीवाड़ा ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड समेत कई देशों में अब तक कहीं पकड़ा नहीं जा सका है। इसी तरह की गारंटी राजस्थान के लिए कई फर्स्ट क्लास मैच खेल चुके एक अन्य क्रिकेटर्स ने भी ली। फिलहाल इस पूरे भड़ाफोड़ के बाद किसी पूर्व क्रिकेटर या पदाधिकारी की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।