पूर्वी राजस्थान समेत राज्य के 13 जिलों की पेयजल, सिंचाई आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए डिजाइन की गई पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को केन्द्र सरकार की मंजूरी दिलाने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बुधवार को अचानक दिल्ली पहुंची और केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने परियोजना सम्बंधी जानकारी दी और कहा कि इस परियोजना को केन्द्रीय जल आयोग से मंजूरी मिल चुकी है। परियोजना के वित्त पोषण सम्बंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नाबार्ड तैयार हो गया है। शेष राशि राज्य और केन्द्र मिलकर वहन कर सकते हैं।
अगर यह परियोजना धरातल पर उतरी तो राज्य के 13 जिलों में पेयजल व सिंचाई संकट समाप्त हो जाएगा। इसके अलावा राज्य तीन नदियों से बहकर जाने वाले पानी का उपयोग भी कर सकेगा।
करीब 37 हजार करोड़ की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से राजस्थान के पार्वती, कालीसिंध और चम्बल नदियों के बेसिन को लिंक कर चार लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुुविधा के साथ ही प्यासी जनता को पानी पिलाया जा सकेगा।
परियोजना भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, अलवर, जयपुर, टोंक, दौसा, अजमेर जिले को सिंचित करेगी। ये जिले वर्षों से पेयजल समस्या से भी जूझ रहे हैं। इन जिलों में राज्य की चालीस फीसदी आबादी बसती है।
परियोजना की कुल लागत में से करीब 20 हजार करोड़ सिंचाई और 17 हजार पेयजल आपूर्ति सुविधा विकसित करने पर खर्च होंगे। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में भी यह मुददा उठाया था।
सात जुलाई को प्रधानमंत्री कर सकते हैं घोषणा
यहां सूत्रों ने बताया कि अचानक दिल्ली आकर इस परियोजना को मंजूरी दिलाने का आग्रह करने के पीछे प्रधानमंत्री की सात जुलाई को राजस्थान में हो रही यात्रा है। राज्य सरकार चाहती है कि प्रधानमंत्री इस दौरान परियोजना को मंजूरी दिलाने का ऐलान करें ताकि इसका फायदा 13 जिलों में फैली 80 से अधिक सीटों पर चुनाव जीतने में किया जा सके।
यहां सूत्रों ने बताया कि अचानक दिल्ली आकर इस परियोजना को मंजूरी दिलाने का आग्रह करने के पीछे प्रधानमंत्री की सात जुलाई को राजस्थान में हो रही यात्रा है। राज्य सरकार चाहती है कि प्रधानमंत्री इस दौरान परियोजना को मंजूरी दिलाने का ऐलान करें ताकि इसका फायदा 13 जिलों में फैली 80 से अधिक सीटों पर चुनाव जीतने में किया जा सके।