उन्होंने पार्षद के नजर नहीं आने का भी आरोप लगाया। कहा, जहां उनके लोग रहते हैं, वहां एलईडी लाइटें लगा दीं। बिजली के खंभे की तरफ इशारा करते हुए कहा देखो वहां कौनसी लाइट लगी है और आगे कौनसी। पेयजल आपूर्ति यहां एक घंटे ही होती है। गंदगी व क्षतिग्रस्त सड़कें बड़ी समस्या है।
यहीं पर हंसराज ने बताया कि इलाके के अधिसंख्य लोग मजदूरी व नौकरीपेशा हैं। कुछ परिवारों के छोटे व्यवसाय व दुकानें भी दिखीं। निम्र व मध्यमवर्गी आय वर्ग की आबादी इसमे अधिक है। विकास की दृष्टि से देखें तो यह इलाका आस पास के इलाकों की तुलना में पिछड़ा हुआ ही नजर आया। इसके आस पास के इलाको में टोंक फाटक, मधुबन कॉलोनी, बरकत नगर, कीर्ति नगर, देव नगर जैसे इलाके हैं। यह इलाका विकास की दौड़ में पीछे है। अबकी बार चुनाव में यहां लोग तख्ता पलट करने के मूड में दिख रहे हैं। वैसे यह तो भविष्य ही बताएगा कि आखिर जनता किसे चुनती है।