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जयपुर

राजस्थान में कर्जमाफी ने बढ़ाई सहकारी बैंकों की मुश्किलें!, जानें क्या है पूरा मामला

किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्जा माफ करने की कांग्रेस सरकार की घोषणा राज्य में सहकारी बैंकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।

जयपुरFeb 05, 2019 / 02:41 pm

Kamlesh Sharma

rajasthan farmers loan
डॉ. आशीष शर्मा/जयपुर। किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्जा माफ करने की कांग्रेस सरकार की घोषणा राज्य में सहकारी बैंकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। कर्जमाफी की घोषणा को अमलीजामा पहनाने के लिए जहां एक ओर मंत्रियों और अफसरों की कमेटी कर्जमाफी के तरीके के साथ ही रुपयों का इंतजाम करने पर मंथन कर रही है। वहीं, दूसरी ओर कर्जमाफी की घोषणा हो जाने के बाद अब किसान भी फसली ऋण चुकाने से परहेज करने लगे हैं।
खरीफ बुवाई की खातिर लिया था 8470 करोड़ का ऋण
किसानों ने पिछले साल खरीफ सीजन की बुवाई के लिए लिया करीब 4400 करोड़ रुपए का फसली ऋ ण जनवरी माह के शुरूआती दिनों तक नहीं चुकाया है। कर्जमाफी की घोषणा के बाद रिकवरी की रफ्तार थम सी गई है।
बैंकों की नए खरीफ फसली ऋण और ओवरडयू की करीब 40 फीसदी रिकवरियां अटकी हुई हैं। मिली जानकारी के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018—19 में सहकारी बैंकों से किसानों से करीब 8470 करोड़ रुपए का अल्पकालीन फसली ऋ ण लिया था।
जबकि किसानों पर पिछले साल 30 जून तक करीब 5639 करोड़ रुपए का ऋण बकाया था। इस तरह कुल 14 हजार 110 करोड़ रुपए का ऋण किसानों पर बकाया था। इसमें से इस महीने में अब तक 8375 करोड़ रुपए के बकाया ऋ ण की ही रिकवरी हो पाई है।
अपेक्स बैंक नाबार्ड को चुकाता है कर्ज
सरकार की ओर से मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने पिछले साल 19 दिसंबर को किसानों की कर्जमाफी के संबंध में आदेश जारी किया था। इसके बाद सरकार तेलंगाना, कर्नाटक समेत अन्य कई राज्यों में कर्जमाफी का अध्ययन कर कर्जमाफी की योजना को साकार करने में जुटी हुई है।
गौरतलब है कि बकाया राशि वापस नहीं आने से सहकारी बैंकों की परेशानी बढ़ जाती हैं, क्योंकि सहकारी अपेक्स बैंक नाबार्ड से जो कर्जा लेता है, वो उसे नाबार्ड को चुकाना ही पड़ता है।
नया कर्जा चुकाने में परहेज
मिली जानकारी के मुताबिक पिछले साल जून तक किसानों पर 5639 करोड़ रुपए का खरीफ का ओवरड्यू था। इसमें से 4369 करोड़ की वसूली सहकारी बैंकों में हो चुकी हैं। जबकि पिछले साल जून तक किसानों ने 8470 करोड़ रुपए का नया फसली ऋ ण लिया था, लेकिन माह के शुरूआती दिनों तक इसमें से सिर्फ चार हजार करोड़ रुपए के कर्ज की ही रिकवरी हो पाई है। इस तरह किसानों पर 4464 करोड़ रुपए बकाया चल रहे हैं।
यहां 30% से कम रिकवरी
मिली जानकरी के मुताबिक राज्य के अलवर, भरतपुर, डूंगरपुर, नागौर, सवाईमाधोपुर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, चित्तौडगढ़़, झुंझुनू, सीकर जिले के किसानों ने पिछले साल लिए गए खरीफ फसली ऋ ण की 30 फीसदी राशि तक बैंकों को नहीं चुकाई है। अन्य जिलों में भी किसानों पर बकाया की अलग-अलग स्थितियां हैं।

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