यानि, हर किसान केबिजली बिल में से 10 हजार रुपए भारी सरकार उठाएगी। यह राशि किसान के बैंक खाते में सब्सिडी के रूप में आएगी। इनमें से करीब 5 से 6 लाख किसान तो ऐसे हैं, जिन्हें पूरी तरह मुफ्त में बिजली मिलेगी। इससे सरकार पर सालाना 1300 करोड़ रुपए तक भार बढ़ेगा। सब्सिडी 1 नवम्बर से प्रभावी जाएगी। उर्जा विभाग ने चुनाव आचार संहिता से पहले 5 अक्टूबर की तिथि में आदेश जारी किए हैं। इसकी कुछ जानकारी मुख्यमंत्री ने भी अजमेर में हुई प्रधानमंत्री की सभा में भी दी। हालांकि, उसमें पूरी स्थिति साफ नहीं की गई। चुनाव से पहले सरकार द्वारा किसानों को पॉवर पैकेज देकर रिझाने के रूप में देखा जा रहा है।
इस तरह मिलेगा फायदा
राज्य के 13 लाख सामान्य कृषि कनेक्शन उपभोक्ता (नए कनेक्शन भी होंगे) इनमें से करीब 5 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जिनका मासिक बिल 833 रुपए से कम आता है। सरकार ने भी अधिकतम 833 रुपए मासिक सब्सिडी देने का फैसला किया है। इससे हर माह 41.65 करोड़ रुपए और सालाना 499.80 करोड़ रुपए का भार। —करीब 8 लाख कृषि उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनका मासिक बिल 833 रुपए से ज्यादा आता है। इन्हें बिल राशि तो पूरी जमा करानी होगी, लेकिन बाद में 833 रुपए बैंक खाते में सब्सिडी के रूप में आएंगे। इससे सरकार पर 800 करोड़ रुपए सालाना भार पड़ेगा।
राज्य के 13 लाख सामान्य कृषि कनेक्शन उपभोक्ता (नए कनेक्शन भी होंगे) इनमें से करीब 5 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जिनका मासिक बिल 833 रुपए से कम आता है। सरकार ने भी अधिकतम 833 रुपए मासिक सब्सिडी देने का फैसला किया है। इससे हर माह 41.65 करोड़ रुपए और सालाना 499.80 करोड़ रुपए का भार। —करीब 8 लाख कृषि उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनका मासिक बिल 833 रुपए से ज्यादा आता है। इन्हें बिल राशि तो पूरी जमा करानी होगी, लेकिन बाद में 833 रुपए बैंक खाते में सब्सिडी के रूप में आएंगे। इससे सरकार पर 800 करोड़ रुपए सालाना भार पड़ेगा।
आदेश एक दिन पहले जारी, बाहर आया चुनाव आचार संहिता से पहले
उर्जा विभाग की ओर से जारी आदेश में 5 अक्टूबर तिथि अंकित है, लेकिन इसका खुलासा चुनाव आचार संहिता से ठीक पहले हुआ। सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि सरकार के लिए यह बड़ा फैसला माना जा रहा है, जिसे आदेश जारी होने की तिथि पर भी सार्वजनिक किया जा सकता था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
उर्जा विभाग की ओर से जारी आदेश में 5 अक्टूबर तिथि अंकित है, लेकिन इसका खुलासा चुनाव आचार संहिता से ठीक पहले हुआ। सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि सरकार के लिए यह बड़ा फैसला माना जा रहा है, जिसे आदेश जारी होने की तिथि पर भी सार्वजनिक किया जा सकता था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
पहले बिल जमा कराओ, फिर खाते में आएगी सब्सिडी
सभी चिन्हित किसानों को बिजली का बिल जमा कराना होगा। इसके बाद ही सब्सिडी राशि पुनर्भरण के रूप में बैंक खाते में आएगी। इसमें वे किसान भी शामिल होंगे, जिनका प्रतिमाह बिल 833 रुपए या इससे कम आ रहा है।
सभी चिन्हित किसानों को बिजली का बिल जमा कराना होगा। इसके बाद ही सब्सिडी राशि पुनर्भरण के रूप में बैंक खाते में आएगी। इसमें वे किसान भी शामिल होंगे, जिनका प्रतिमाह बिल 833 रुपए या इससे कम आ रहा है।
सरकार के इस फैसले से करीब 13 लाख किसान उपभोक्ताओं को सहुलियत मिलेगी। इसमें से पांच लाख उपभोक्ताओं का बिजली बिल पूरी तरह फ्री हो जाएगा। अनुदान राशि सब्सिडी के रूप में बैंक खाते में जमा होगी। अनुदान राशि भेजने की प्रक्रिया सरकार स्तर पर ही होगी।
आर.जी. गुप्ता, अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, राजस्थान डिस्कॉम्स