सीकर जिला निवासी जहीर अहमद ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए जिलेवार मेरिट तैयार करने को चुनौती दी थी। जिस पर कोर्ट ने जिलेवार परिणाम जारी करने पर अंतरिम रोक लगाने के आदेश दिए थे। मामले में राज्य सरकार ने भी जिलावार परिणाम पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया था। राज्य सरकार की ओर से कहा कि कांस्टेबल भर्ती करने का अधिकार डीजीपी के पास सुरक्षित है और नियमों के अनुसार ही परीक्षा व भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। इसलिए भर्ती का परिणाम जारी करने की मंजूरी दी जाए। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद दस फरवरी कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। गौरतलब है कि प्रदेश में 5438 पदों के लिए पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 6 , 7 और 8 नवंबर 2020 को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के लिए 17 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। परीक्षा में 12.41 लाख अभ्यर्थी बैठे थे।
राज्य सरकार की और से कहा गया कि परीक्षा के बाद परिणाम तैयार करने के लिए काफी समय से काम चल रहा है ऐसे में इसकी अनुमति दी जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि नियमों और अधिनियम के उल्लंधन को इस आधार पर अनुमति नहीं दी जा सकती है।
1 जिला स्तर पर मेरिट तैयार रकना संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 का उल्लंघन है और राजस्थान पुलिस अधिनियम 2007, राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम 1989 के खिलाफ है। 2 पुलिस महानिदेशक चयन के लिए एक संयुक्त मेरिट सूची तैयार करे।
3 जिन्होंने लिखित परीक्षा उत्तीण की है वे शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। इसके बाद शारारिक दक्षता, साक्षात्कार व प्रमाण पत्रों के अनुसार प्राप्त अंकों को जोड़कर एक मेरिट लिस्ट तैयार हो।
5 सफल उम्मीदवार को मेरिट के अनुसार उनकी पसंद से जिलों में पदस्थापित किया जाए। 6 मेरिट और जिलों में पदस्थापन पूरी तरह से पारदर्शिता से हो और नियुक्ति आदेश उच्चाधिकारी, पुलिस अधीक्षक या कमांडेट के जरिए हो।