बता दें मामला बूंदी जिले का है। इसमें ऑनर किलिंग का शिकार हुए मृतक आजाद और आरोपी याचिकाकर्ता भीम सैनी की बहन के बीच प्रेम संबंध से परिवार वाले खुश नहीं थे। ऐसे में दोनों शादी के बाद भाग गए। बाद में पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और लड़की को परिवार वालों के साथ जाने के लिए कहा गया। मृतक ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। जिसके बाद दोनों पक्षों ने समझौते के माध्यम से मामले को सुलझाने का प्रयास किया और आजाद ने याचिका वापस ले ली। कुछ समय बाद वह लापता हो गया और उसका शव तालाब में पड़ा मिला। पुलिस ने मामले की जांच की तो वह ऑनर किलिंग का निकला।
याचिकाकर्ता की ओर से दी गई ये दलील
इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से दलील देते हुए कहा गया कि दोनों याचिकाकर्ताओं का नाम एफआईआर में नहीं है। उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह भी नहीं हैं। इन तथ्यों के आधार पर जमानत मांगी गई। साथ ही घटना के समय वे घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे।
सितंबर, 2021 का है पूरा मामला
याचिका के अनुसार मामला पिछले वर्ष सितंबर महीने का है। 22 सितंबर 2021 को बूंदी के तालेड़ा थाने में रामदेव ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया कि उसके बेटे का शव 21 सितंबर को तालाब में मिला था। उन्होंने हत्या का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की तो भीम सैनी और शुभम को गिरफ्तार किया।