गौरतलब है कि गणेश कुमावत की याचिका पर हाईकोर्ट ने 13 सितंबर 2019 के अंतरिम आदेश से सामाजिक विज्ञान विषय के द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाई थी। जिसके बाद आरपीएससी ने सभी विषयों के करीब नौ हजार पदों की नियुक्ति प्रक्रिया को रोक दिया था। याचिका में बताया था कि आरपीएससी ने बिना परिणाम और कट-ऑफ जारी किए ही सीधे चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी है। जबकि परीक्षा परिणाम जारी किए बिना और अंतिम कट ऑफ बताए बिना अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाना गलत है। इसलिए चयनित अभ्यर्थियों को बुलाने की अधिसूचना को रद्द किया जाए।
नियुक्ति का रास्ता साफ आरपीएससी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एम.एफ. बेग ने अदालत में नियुक्ति पर लगी रोक हटाने के लिए दायर प्रार्थना पत्र में कहा कि उनकी पूर्ण पीठ की बैठक में भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। पूर्व में परिणाम जारी करते थे और उसमें कई अपात्र भी चयनित हो जाते थे, जिसकी जानकारी उनके दस्तावेज सत्यापन के समय ही होती थी। इस कारण परिणाम को बार-बार संशोधित करना पड़ता था। लेकिन अब नई प्रक्रिया में परिणाम से पहले अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन कर रहे हैं और उसके बाद ही भर्ती का परिणाम जारी किया जाएगा। इस नई प्रक्रिया से बार-बार परिणाम संशोधित करने की जरूरत नहीं होगी और भर्ती प्रक्रिया को तय समय पर भी पूरा किया जा सकेगा। अदालत ने अर्जी मंजूर करते हुए नियुक्ति पर लगी रोक हटा ली।