मंडल के अधिकारियों के अनुसार 30 सितंबर से 23 नवंबर तक ई-ऑक्शन कार्यक्रम चलाया। साथ ही जहां लोग आवास खरीदने से वंचित रह गए उनके लिए रिपीट ई-ऑक्शन भी रखा गया। इस पीडियड में मंडल ने 42 शहरों में 50 स्थानों पर 1010 फ्लैट बेच कर 162 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया। आवासन मंडल के आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि खरीदारों के भरोसे का नतीजा है कि मंडल ने 35 दिन में 1010 फ्लैट बेचे। जयपुर में खरीदारों का उत्साह ज्यादा दिखा।
इधर, निम्न आय वर्ग के लिए जेडीए ( Jaipur Development Authority ) की ओर से जारी अफोर्डेबल हाउसिंग योजना के तहत शहर में निर्मित आवास कुछ ही समय में यहां रह रहे लोगों के लिए ‘अनअफोर्डेबल’ होने लगे हैं। इन आवासों में न पीने के पानी की व्यवस्था है और न ही सुरक्षित चलने के लिए सडक़ है। मामला जुड़ा है जेडीए के जोन-8 में स्थित सांगानेर क्षेत्र की अफोर्डेबल हाउसिंग योजना के तहत निर्मित 248 आवासों वाली योजना से। यहां जिन परिवारों ने अपनी जीवन भर की कमाई जोड़ कर आवास खरीदा था उनके लिए यहां न पीने के लिए पानी है और ना ही सडक़। यहां रह रहे लोगों का कहना है कि यहां समस्याओं के समाधान के लिए जेडीए आयुक्त से भी मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।