निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों के अनुसार भयग्रस्त मतदाताओं में अधिकांश साम्प्रदायिक या पारिवारिक झगड़े की आशंका, पुरानी धमकी या पूर्व में हुए हमले से संबंधित हैं। जिला कलक्टरों ने पुलिस की मदद से इन मतदाताओं की पहचान कर निर्वाचन आयोग को सूचना दी है। इन क्षेत्रों में भय का माहौल समाप्त करने और मतदाताओं का हौंसला बढ़ाने के लिए न केवल चिन्हित लोगों को पाबंद किया है, केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों की करीब 150 टुकडियों ने फ्लैग मार्च शुरू कर दिया है और उनमें शामिल जवान भयग्रस्त मतदाताओं से संपर्क कर रहे है। इन क्षेत्रों में माइक्रो ऑब्जर्वर भी निगरानी रखेंगे।
ऐसे की जाएगी निगरानी
पुलिस ने यह कार्रवाई की
मतदान के समय कड़ी निगरानी
मतदान के समय कड़ी निगरानीमतदान के दौरान चौकसी बढ़ाई जाएगी और ऐसे मतदान केन्द्रों के करीब सुरक्षा घेराबंदी कड़ी रखी जाएगी, ताकि घटना होने पर तत्काल पहुंचा जा सके और अपराधियों को भागने से रोका जा सके।
संख्या तेजी से कम हो रही
अब ऐसे मतदान केन्द्रों की संख्या करीब 1327 है, जबकि दिसंबर में विधानसभा चुनाव के समय यह संख्या करीब 3 हजार थी और पिछले लोकसभा चुनाव में भयग्रस्त मतदाताओं की संख्या करीब 1 लाख 12 हजार थी।