संगठन की महिला विंग की जिलाध्यक्ष प्रतिभाकंवर चुण्डावत के नेतृत्व में 10 अन्य क्षत्राणियों ने इच्छामृत्यु से सम्बन्धित हस्ताक्षरयुक्त अलग-अलग पत्र जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गजेन्द्रसिंह को सौंप इन्हें राष्ट्रपति तक पहुंचाने का आग्रह किया। वहीं
रायपुर क्षेत्र के कोशिथल गांव में बुधवार को लोगों ने प्रदर्शन किया एवं दो युवक मोबाइल टावर पर चढ़ गए।
पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश पर युवक करीब एक घंटे बाद टावर से नीचे उतर आया। फिल्म के विरोध में कोशिथल के बाजार भी बंद रहे। करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेन्द्रसिंह कटार ने कहा कि पद्मावत फिल्म के विरोध का मुद्दा अब जनता की अदालत में डाल दिया है एवं फिल्म को किसी हालत में नहीं चलने दिया जाएगा।
दुर्ग के चप्पे-चप्पे पर पुलिस
चित्तौडग़ढ़ में फिल्म के विरोध में संभावित प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने एहतियातन सुबह से ही बेरिकेट्स और पुलिस जाप्ता तैनात कर दुर्ग पर प्रवेश बंद कर दिया। हालांकि विदेशी पर्यटक सहित दुर्ग के स्थानीय निवासी आते-जाते रहे, लेकिन सामान्य दिनों की तरह आवाजाही बंद रही।
दिनभर यहां पुलिस का भारी जाप्ता सहित पुलिस के अधिकारी, कई थानाधिकारी तैनात रहे। प्रदर्शन को देखते हुए यहां 108 एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड, पुलिस के वाहन आदि भी खड़े कर दिए गए। सामान्य दिनों में दुर्ग पर आने-जाने वाले वाहन बंद रहे।
विदेशों से आए करीब चार दर्जन पर्यटक जरूर दुर्ग पर गए। इसके साथ ही कुछ भारतीय पर्यटक भी पहुंचे। दुर्ग के निवासी तथा दुर्ग से विद्यालयों में आने-जाने वाले वाहनों का प्रवेश जरूर जारी रहा। दुर्ग पर भी चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात रहने के साथ ही गश्त भी जारी रही। दुर्ग के व्यू पांइट, मीरा
मंदिर , विजय स्तम्भ, खातन बावड़ी, पद्मिनी पैलेस आदि जगह बेरिकेट्स लगाकर पुलिस तैनात की गई।
शाम को किया प्रदर्शन
सर्व समाज और करणी सेना सहित कई कार्यकर्ता शाम को करीब पौने चार बजे पुतले लेकर नारेबाजी करते हुए पाडनपोल पहुंचे। सभी कार्यकर्ताओं ने सरकार, संजय भंसाली के खिलाफ नारेबाजी करते हुए संजय भंसाली और प्रसून जोशी के पुतले जलाए। इसके साथ टायर भी जलाए। सभी ने फिल्म पद्मावत पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। इस दौरान यहां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी, उपाधीक्षक गजेन्द्र सिंह जोधा सहित भारी पुलिस बल तैनात रहा। बाद में कार्यकर्ता यहां से रवाना हो गए। इसके बाद भी ऐहतियात के तौर पर पुलिस ने देर शाम तक दुर्ग पर आवाजाही बंद रखी।