सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों देशों के बीच संयुक्त अभ्यास का यह 16वां संस्करण है। इस द्विपक्षीय अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व, सप्त शक्ति कमान की 11 वीं बटालियन जम्मू.कश्मीर राइफल्स करेगी। वहीं अमेरिकी सेना के प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व 2 इन्फैंट्री बटालियन, 3 इन्फैंट्री रेजिमेंट, 1.2 स्ट्राइकर ब्रिगेड कॉम्बैट टीम के सैनिकों द्वारा किया जाएगा। यह संयुक्त सैन्य अभ्यास संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत काउंटर टेररिज्म संचालन पर केंद्रित होगा।
प्रशिक्षण मुख्य रूप से समकालीन महत्व के सामयिक मुद्दों के विषय वस्तु विनिमय पर केंद्रित होगा। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य दो सेनाओं के बीच सामरिक स्तर पर अभ्यास और एक दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं, सहयोग और तालमेल को बढ़ाना है। अमेरिकी सेना के 270 सैनिक फायरिंग रेंज में पहुंच चुके है। भारत में आयोजित होने वाले अभ्यास हमारी उत्तरी सीमाओं पर हाल के घटनाक्रमों की पृष्ठभूमि में बहुत महत्व रखते हैं और दोनों देशों के रणनीतिक क्षमता के साथ साथ भारत-अमेरिका संबंधों को बढाने के लिये भी बेहद महत्वपूर्ण है।
यह अभ्यास वैश्विक आतंकवाद की पृष्ठभूमि में दोनों देशों द्वारा सामना की गई सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण है। संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाएगा। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देगा।