इधर, प्रदेश में किसी भर्ती परीक्षा के लिए पहली बार दो दिन के लिए की गई नेटबंदी को लेकर गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया की भी प्रतिक्रया आई। नेटबंदी के सवाल पर उन्होंने कहा कि 15 लाख अभ्यर्थियों के भविष्य का मामला है, अपने में से कुछ लोग गलत प्रवृति के है जो नकल करवाना, पेपर लाना आदि काम करते हैं, इसलिए छह – आठ घंटे इंटरनेट बंद करने से उनका भला हो सकता है।
पायलट बोले- नेट बंद कर जनता को किया गया परेशान
प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए दो दिन इंटरनेट सेवा बंद किए जाने को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि यह भाजपा सरकार को उनके नारे डिजिटल इंडिया को आईना दिखाने वाला है।
कांग्रेस की ओर से शनिवार को जारी बयान में पायलट ने कहा कि सरकार नकल कराने वालों को चिन्हित करने में विफल रही। लेकिन उनकी इस विफलता का खामियाजा प्रदेश के नागरिकों को भुगतना पड़ा है। यह सरकार का निर्णय जनहित में नहीं माना जा सकता। इंटरनेट सेवा सुबह से शाम तक बंद करने से चिकित्सीय, बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट, लॉजिस्टिक और सभी ऑन लाइन सेवाएं ठप रही। जबकि होना तो यह चाहिए था कि सरकार परीक्षा केन्द्रों पर जेमर लगाती और जांच व्यवस्था को मजबूत कर पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराती।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर पाबंदी लगाकर सरकार अपनी नाकामी पर पर्दा डालना चाहती है। इन्टरनेट को बंद रखने की नीति अपनाकर सरकार ने साबित कर दिया है कि उसका डिजिटल इंडिया का नारा सिर्फ दिखावा है।