अचानक हुई तेज बारिश के कारण किसानों और व्यापारियों को अनाज समेटने का भी मौका नहीं मिला। इस कारण मंडी में 20 हजार से अधिक बोरी माल भीग गया। भीगे माल की नीलामी भी नहीं हो पाई।
मंडी में रेलवे ट्रैक की तरफ ढकान वाले यार्ड में मंडी का सारा पानी आता है, इस कारण यार्ड पानी से लबालब हो गया। बारिश का पानी यार्ड में भी घुस गया और उड़द के ढेर को बहा ले गया। वहीं नीमकाथाना में शनिवार सुबह बारिश का दौर शुरू हुआ। 13 एमएम बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के असर से कोटा और आसद्वस्रड्डह्यद्ध;पास क्षेत्र में बारिश हुई।
मौसम विभाग के अनुसार अब 30 सितंबर तक प्रदेश में बारिश की कोई संभावना नहीं है। वहीं विभाग के अनुसार मानसूनी गतिविधियां नहीं होने से 28 सितंबर के बाद मानसून के लौटने की संभावना है।
बेमौसम बारिश- ओलावृष्टि से फसलें चौपट
सादुलशहर (श्रीगंगानगर). क्षेत्र में शनिवार दोपहर बाद अचानक मौसम बदला। तेज बरसात के साथ ओलावृष्टि हुई। इससे पककर तैयार खड़ी नरमा, मूंग, ग्वार व तिल की फसल को भारी नुकसान पहुंचा। मूंग की कटी हुई फसल में पानी भर गया। तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बरसात व ओलावृष्टि शुरू हुई, जो करीब डेढ़ घंटे तक चली।
बरसात बंद होने के बाद करीब पांच मिनट तक अकेले बेर के आकार के ओले गिरते रहे। क्षेत्र के चक 9 केआरडब्ल्यू, 12 से 14 केआरडब्ल्यू, 16 केआरडब्ल्यू, गांव करड़वाला, नूरपुरा, धिंगतानियां, अलीपुरा, गद्दरखेड़ा क्षेत्र में बरसात व ओलावृष्टि से खराब हो चुकी है। किसानों ने मुआवजे की मांग की है।
वहीं, कस्बे में भी तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बरसात व ओलावृष्टि हुई है। सड़कें पूरी तरह जलमग्न हो गई तथा तेज हवाओं के कारण दुकानों के फ्लैक्स बोर्ड उड़ गए। इस दौरान विद्युत आपूर्ति भी बाधित हुई। चक 13 केआरडब्ल्यू में फसल खराबे का निरीक्षण करने हलका पटवारी पृथ्वीराज ज्याणी पहुंचे और नुकसान की जानकारी हासिल की।