बता दें कि रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार के सामने 13 सूत्री मांग पत्र प्रस्तुत कर 23 से 24 जुलाई का दो दिवसीय प्रदर्शन किया था और सरकार को हड़ताल की चेतावनी भी दी थी। इसी के चलते आज रात 12 बजे से ये धरना हड़ताल में बदल जाएगा। हाल ही में दो दिन तक जारी हड़ताल जाम से करीब 10 लाख का यात्री घाटा होने की सम्भावना जताई जा रही है।
वहीं अगर पूरे प्रदेश में रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल से डिपो की गाडिय़ों के पहिए थम जाएगें। प्रदेश में सबसे ज्यादा असर उन क्षेत्रों में रहेगा जहां आवागमन का साधन बसों द्वारा हो रहा है। ऐसे में यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी भुगतनी होगी। रोडवेज की 4700 बसें रोजाना करीब 17 लाख किलोमीटर संचालित होकर 10 लाख यात्रियों को राज्य एवं राज्य के बाहर अन्य राज्यों में परिवहन सेवाएं देकर 5 करोड़ 32 लाख रुपये अर्जित कर रही हैं। आज रात बसों के पहियों पर एकदम से लगाम लगना पूरे प्रदेश के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है।
बता दें कि राजस्थान के विभिन्न केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं केंद्र सरकार, राज्य सरकार, रेलवे, पोस्टल, बैंक, बीमा, बीएसएनएल आदि कर्मचारी संगठनों ने रोडवेज श्रमिकों की प्रदेश व्यापी हड़ताल को समर्थन दिया है। राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों एटक, सीटू, इंटक, आरएसआरटीसी रिटायर्ड एम्पलाइज एसोसिएशन, बीजेएमएम, राजस्थान रोडवेज सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति के संयुक्त मोर्चे के साथ 13 सूत्री मांगपत्र पर रोडवेज प्रबंधन एवं राज्य सरकार की तीन बार वार्ता हो चुकी है। लेकिन वार्ता सफल न होने के कारण नाराज संगठनों ने हड़ताल की घोषणा कर दी। आपको बता दें कि मंगलवार आधी रात 12 बजे बाद से रोडवेज बसों को बंद कर दिया जाएगा।
हालांकि हड़ताल दो दिन चलेगी लेकिन इसके चलते प्रदेश में रोडवेज बस यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। एटक प्रदेशाध्यक्ष एमएल यादव के अनुसार प्रदेश व्यापी हड़ताल मंगलवार रात 12 बजे से शुरू होकर 26 जुलाई रात 12 बजे तक चलेगी।