गहलोत के इस सांकेतिक ‘वार’ के कई मायने निकाले जाने लगे हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने इस अंदाज़ से ना सिर्फ विरोधी राजनीतिक दल भाजपा पर ही निशाना साधा है, बल्कि खुद की पार्टी के विरोधी खेमे को भी साधने की कोशिश की है।
शायराना अंदाज़ से ऐसे साधा निशाना
बजट भाषण के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से दो शायरियाँ खासतौर से विरोधियों पर इशारों ही इशारों में प्रहार करती नज़र आईं हैं। ये दो शायरियाँ रहीं-
‘‘मेरे हौंसलों में अभी जान बाकी है… ये तो दौड़ भरी थी उड़ान बाकी है, मेरी सादगी से मेरे बारे में अंदाजा मत लगाना, ये तो शुरुआत भर थी अंजाम बाकी है’’
‘‘निगाहों में मंजिल थी…. गिरे और गिरकर सँभलते रहे, हवाओं ने बहुत कोशिश की मगर… चिराग आँधियों में भी जलते रहे’’
राजे का नाम लेकर ली चुटकी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का भी कई बार ज़िक्र किया। सीएम गहलोत ने भाषण के बीच-बीच में विपक्ष की ‘ना’ पक्ष में उनके सामने बैठीं राजे और पूर्ववर्ती सरकार पर जमकर कटाक्ष किये। एक जगह तो उन्होंने राजे सरकार के कामों की तारीफ भी कर डाली।
‘मैं तो 7 बार पानी पी चुका’
बजट भाषण के बीच सीएम गहलोत बार-बार पानी पी रहे थे। इस पर उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के दौरान वसुंधरा राजे के बजट भाषण को याद किया और कटाक्ष करते हुए कहा कि मुझे याद है वसुंधरा राजे ने एक बार बजट पेश करते समय एक बार भी पानी नहीं पीया था। लेकिन मैं अब तक सात बार पानी पी चुका हूं।
गहलोत ने कटाक्ष करने के साथ ही ये भी साफ़ किया कि वे पानी पीकर राजे या विपक्ष को कोस नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा की उनका गला बचपन से ही खराब है जिस वजह से वे बार-बार पानी पीते हैं। हालांकि इस वाकये के बाद उन्होंने पूरे भाषण के दौरान कई बार और भी पानी पीया।
चर्चित पंक्तियों से की हौंसला अफजाई
सीएम गहलोत ने शायरियों के अलावा कुछ चर्चित शख्सियतों के कथनों और पंक्तियों के ज़रिये भी प्रदेशवासियों की हौंसला अफजाई की। एक जगह उन्होंने स्वतन्त्रता सेनानी रामप्रसाद बिस्मिल की पंक्तियाँ सुनाते हुए कहा, ‘पलट देते हैं हम मौजे-हवादिस अपनी फुर्सत से, कि हमने आँधियों में भी चिराग अक्सर जलाए हैं।’
वहीं उन्होंने भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पंक्तियाँ ‘सपने वो नहीं हैं, जो आप नींद में देखें…. सपने वो हैं, जो आपकी नींद ही उड़ा दे’ और मदर टेरेसा की पंक्तियाँ ‘हम में से सभी महान काम नहीं कर सकते…. लेकिन हम छोटी चीज़ें अधिक प्रेम से कर सकते हैं’ का भी ज़िक्र किया।