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Rajasthan: एक टीचर ने रिश्तेदारों को ऐसे बनाया थानेदार, पटवारी, बाबू… पोल खुली तो सब हो गए गायब

आरएएस भर्ती के लिए तीन बार साक्षात्कार दे चुके शिक्षक ने पहचान बदलकर दी परीक्षा से थानेदार, पटवारी व दो को कनिष्ठ लिपिक बनवाया।

जयपुरMay 14, 2024 / 07:22 am

Lokendra Sainger

राजस्थान में डमी कैंडिडेट से भर्ती हुए सरकारी कर्मचारियों की चेन का खुलासा हुआ तो एसओजी ने इंटेलीजेंस के थानेदार, दो पटवारी व दो कनिष्ठ सहायकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। आरएएस भर्ती के लिए तीन बार साक्षात्कार दे चुके शिक्षक ने पहचान बदलकर दी परीक्षा से थानेदार, पटवारी व दो को कनिष्ठ लिपिक बनवाया।
एफआइआर दर्ज होने से पहले ही ये सभी आरोपी भूमिगत हो गए है। इंटेलीजेंस में तैनात उपनिरीक्षक तो दो अप्रेल से भूमिगत है। अब उसे एसओजी खोजेगी। फर्जी थानेदार भर्ती की पड़ताल के दौरान ही एसओजी को दो अप्रेल को सूचना मिली थी कि नांगल राजावतान के मानपुरिया निवासी रोशन लाल मीणा कई भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट के रूप में बैठा है।
रोशनलाल ने चार बार आरएएस परीक्षा भी दी है। तीन बार साक्षात्कार तक पहुंचा लेकिन अन्तिम परिणाम उसके पक्ष में न रहा। पुलिस ने उसे अप्रेल में गिरफ्तार किया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक धर्माराम गिला ने उससे पूछताछ की, जिसमें सामने आए तथ्यों के आधार पर तीन एफआइआर दर्ज की गई हैं। जांच अधिकारी हरिपाल सिंह आरोपियों को तलाश रहे हैं।

इन्हें दिलाई नौकरी

-1 कंचन लाल (भाई) पटवारी
-2 मनीष मीणा उपनिरीक्षक
-3 दिनेश मीणा
(मनीष मीणा का भाई) लिपिक
4- महेश मीणा
(मनीष मीणा का मामा ) लिपिक

दो बार बना पटवारी

रोशनलाल ने पटवार भर्ती – 2021 में दौसा के नांगलबेरसी निवासी सागर मीणा के स्थान पर अलवर में परीक्षा दी थी। पुलिस ने कर्मचारी चयन बोर्ड से अभ्यर्थी सागर मीणा के आवेदन पत्र व प्रवेश पत्र व अन्य दस्तावेज लेकर पड़ताल की तो इसकी पुष्टि हो गई। आरोपियों ने सागर मीणा व डमी रोशनलाल मीणा की फोटो एक ऐप से मिक्स कर आवेदन पत्र व परीक्षा प्रवेश पत्र में लगाई थी। एसओजी ने गुरुवार को दर्ज एफआइआर में रोशन व सागर के साथ थानेदार मनीष कुमार मीणा, उसके भाई दिनेश कुमार मीणा तथा मामा महेश कुमार को आरोपी माना है। सागर को उन्होंने ही रोशनलाल से मिलवाया था।

रोशन की मदद से थानेदार बना फिर मामा व भाई को बनवाया लिपिक

रोशन लाल ने वर्ष 2018 की उपनिरीक्षक भर्ती में मनीष कुमार मीणा के स्थान पर लिखित परीक्षा दी थी। परीक्षा पास करने के बाद उसने आरपीएससी में साक्षात्कार भी मनीष के स्थान पर ही दिया था। एसओजी आरपीएससी व पुलिस मुख्यालय से उसके मूल दस्तावेज ले रही है।
पड़ताल में सामने आया कि मनीष ने रोशन से ही अपने भाई दिनेश मीणा व मामा महेश के स्थान पर परीक्षा दिलवाई थी। दोनों कनिष्ठ सहायक बन गए। गुरुवार को दर्ज तीसरी एफआइआर महेश की भर्ती को लेकर है। महेश वर्तमान में कनिष्ठ सहायक, कार्यालय वाणिज्यिक कर विभाग वृत्त दौसा में पदस्थापित है। वहीं दिनेश कुमार मीना कनिष्ठ सहायक भूप्रबंध, टॉक कार्यालय में तैनात है।

दूसरों के साथ भाई को भी पास कराया

रोशनलाल ने दूसरों की तरह अपने भाई को भी पास करवाया था। उसने पटवारी भर्ती परीक्षा में भाई कंचन लाल मीणा के स्थान पर परीक्षा दी। इसको लेकर भी एसओजीने गुरुवार को एफआइआर दर्ज की है। इस एफआइआर में भी मनीष कुमार, दिनेश कुमार मीणा व महेश कुमार मीणा आरोपी हैं। उन्होंने फर्जी कागजात बनाने में मदद की थी।

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