वहीं, केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग ( women and child welfare department ) की ओर से 7 अगस्त को दिल्ली के विज्ञान भवन में होने वाले समारोह में राजस्थान सहित बेहतर प्रदर्शन करने वाले पांच राज्यों और 10 जिलों को सम्मानित किया जाएगा। वहीं, राजस्थान को श्रेष्ठ राज्य श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
विभाग की टीमों ने की थी मॉनिटरिंग
महिला अधिकारिता विभाग के निदेशक पीसी पवन ने बताया कि 2017-18 से 2018-19 की पीसीटीएस के आंकडों के आधार पर राजस्थान के लिंगानुपात के स्तर में भी सुधार देखने को मिला है। प्रदेश के अस्पतालों में जन्म लेने वाले बेटों-बेटियों की संख्या के आधार पर ये आंकड़े निकाले जाते हैं। साथ ही बेटियों को शिक्षित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं व कार्यक्रम चलाए गए। साथ ही बेटा-बेटी में भेदभाव नहीं करने और बेटी के जन्म की खुशी मनाने सहित अन्य कार्यक्रमों के चलते इस बार यह खिताब जोधपुर को मिला। महिला एवं बाल विकास विभाग की टीमों ने मॉनिटरिंग कर यह रैंकिंग जारी की है।
राजस्थान 944 से बढ़कर 948
जोधपुर 950 से बढ़कर 960
झुंझुनूं 948 से घटकर 930 लिंगानुपात में आई गिरावट
उक्त योजना में झुंझुनूं और हनुमानगढ़ के अव्वल आने के कारण पूर्व में भी प्रदेश को राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक एक साल में ही झुंझुनूं के लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई। लिंगानुपात गिरने वाले 12 जिलों में झुंझुनूं दूसरे स्थान पर है।
प्रदेश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के लिए किए जा रहे प्रयास
जन जागरूकता अभियान
बालिकाओं को स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित करना
बेटी जन्म की खुशी में उत्सव कार्यक्रम और अनुदान योजना
जन्म दर में सुधार सहित अन्य मानकों के अनुसार यह रैकिंग की गई