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कोरोना से ‘जंग’ के बीच UP-राजस्थान आमने-सामने, पायलट बोले- ‘केंद्र के पास मजदूरों के लिए कोई ठोस नीति नहीं’

 
कोरोना से ‘जंग’ के बीच UP-राजस्थान आमने-सामने, पायलट बोले- ‘केंद्र के पास मजदूरों के लिए कोई ठोस नीति नहीं’ rahul

जयपुरMay 22, 2020 / 01:55 pm

rahul

Rajasthan Uttar Pradesh contronts amidst CORONA pandemic
जयपुर।

राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केन्द्र सरकार पर लाकडाउन में श्रमिकों की मदद के लिए आगे नहीं आने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने मजदूरों के लिए कोई राष्ट्रव्यापी ठोस नीति नहीं बनाई। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस द्वारा की जा रही मजदूरों की मदद में अड़ंगा डाला।

जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में पायलट ने कहा कि कांग्रेस ने मजदूरों की मदद की पेशकश की और एक हजार बसों का इंतजाम किया। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने बहाना बनाकर उसे अनुमति नहीं दी। अनुमति दी भी गई तो कहा गया कि पहले बसों को लखनऊ भेजा जाए। बहाने बनाए गए, बसों में कमी निकाली गई और कांग्रेस नेताओं पर मुकदमे दर्ज किए गए।

उन्होंने कहा कि मदद लेने से कोई छोटा नहीं होता, उत्तर प्रदेश सरकार के इस रवैये को दुनिया ने देखा है। उत्तर प्रदेश सरकार का जो रवैया रहा है उसकी भर्त्सना की जाती है। कांग्रेस ने जो पहल की, उसे नकारा गया है।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार देखने में आ रहा है कि सत्ताधारी लोग विपक्ष पर आरोप लगा रहे हैं और वह भी मदद के मामले में। उन्होंने कहा कोरोना वायरस के चलते लागू लाकडाउन में लाखों श्रमिक लोग अलग अलग राज्यों में भूखे प्यासे पैदल चलने को मजबूर हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निर्णय लिया कि श्रमिकों को घर पहुंचाने का खर्चा कांग्रेस वहन करेगी, इसके बाद हलचल बढ़ी, इससे पहले कोई व्यवस्था नहीं थी।

पायलट ने कहा कि केंद्र के पास मजदूरों के लिए कोई ठोस नीति नहीं है, कांग्रेस की पहल पर केन्द्र ने श्रमिकों के लिए व्यवस्था की। कांग्रेस ने मजदूरों के लिए एक हजार बसों का इंतजाम किया लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने बसों को अनुमति नहीं दी।

वहीं राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मजदूरों की मदद के लिए कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश सीमा पर 1032 बसें भेजी लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार की अवेहलना की है, जिसने लाकडाउन में गत मार्च में आदेश निकाला, जिसमें कहा गया कि इस समय परमिट एवं फिटनेस के नाम पर नहीं टोकेंगे। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने मजदूरों के लिए एक हजार बसों को अनुमति नहीं दी।

उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार के आदेश की अवेहलना करने को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। कोटा से विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश भेजने पर राजस्थान सरकार के उत्तर प्रदेश सरकार को 36 लाख रुपए का बिल भेजने के मामले में खाचरियावास ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने विद्यार्थियों के लिए बसें भेजी और उनमें डीजल राजस्थान से भरवाया तथा उसका बिल भी मांगा। इस पर हमने 36 लाख रुपए का बिल भेजा और उसमें 19 लाख रुपए चुका भी दिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान रोडवेज से मजदूरों को निशुल्क भेजा है। इसके लिए दो करोड़ छह लाख रुपए वहन किए गए हैं।

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