सभापति राजेन्द्र पारीक को संबोधित करते हुए राठौड़ ने कहा कि दस दिन में किसानों के ऋण माफ करने की घोषणा की थी सरकार ने गठन के दौरान लेकिन दो साल से भी ज्यादा समय बीत गया। अब राजस्थान में हालात ये हैं कि ऋण से परेशान 18 लाख किसानों में से अधिकतर की जमीनें नीलाम होना शुरु हो चुकी हैं। नंदी शालाओं के मामलों को भी राठौड़ ने उठाया और सभापति को संबोधित करते हुए कहा कि दो साल से सरकार हर बार बजट में नंदी शाला और आवारा पशुओं को लेकर घोषणा कर रही हैं।
इस बार फिर से 111 करोड़ की घोषणा कर डाली लेकिन हालात वहीं के वहीं हैं। दो साल में सरकार ने एक रुपया भी खर्चा नहीं और आवारा जानवरों ने प्रदेश भर में लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। राठौड़ ने कहा कि बजट पूर्णतया झूठ का पुलिंदा है। उन्होनें यह भी कहा कि सरकार हर बार गांधी जी के नाम का सही उपयोग नहीं करती….। इस पर चुटकी लेते हुए उन्होनें यहां तक कहा कि वे इसकी शिकायत राहुल गांधी से करेंगे।
इस बीच सभापति पारीक ने राठौड़ से कहा कि आप उन चुनिंदा भाग्यशाली लोगों में से हैं जिन्होनें अपने समय का पूरा उपयोग किया है। अब आप बैठ जाएं और बाकियों को मौका दें। उसके बाद राजकुमार शर्मा ने अपना पक्ष रखना शुरु किया।